ग्वालियर ( ईएमएस ) शहर में प्रभु यीशु मसीह का जन्मोत्सव 25 दिसंबर क्रिसमस पर्व के रूप में मनाया जाएगा। परंपरागत रूप से जन्मोत्सव मनाने के लिए महागिरिजाघर व चचाँ में रंगाई-पुताई से लेकर आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। 24 फरवरी की आधी रात को होने वाली प्रार्थना सभा के समय में परिवर्तन करने को लेकर मंथन किया जा रहा है। ठंड के कारण कुछ लोगों का मत है कि विशेष प्रार्थना रात 12 बजे से पहले की जाए। यीशु का जन्म चरनी (गोशाला) में हुआ था। प्रतीक के रूप में चर्च व घरों में अस्थायी गोशाला के निर्माण का प्रचलन है। क्रिसमिस ट्री भी सजाए जा रहे हैं और ईसाई परिवारों के घरों में जाकर कैरोल गीत गाये जा रहे हैं। युवा कैरोल गीतों का अभ्यास भी कर रहे हैं। ईसाई परिवार यीशु मसीह का जन्मदिन दीपावली की तरह मनाते हैं। चर्च के साथ घरों में रंगाई-पुताई की जाती है। क्रिसमस की बधाई देने के लिए आने वालों के लिए परंपरागत रूप में तरह-तरह के व्यंजन तैयार किए जाते हैं। घरों में पहले से व्यंजन बनना शुरू हो गए हैं। विशेष रूप से केक तैयार किए जा रहे हैं। ईसाई परिवारों में क्रिसमस को लेकर उत्साह है। क्रिसमस पर्व के लिए अपनी पसंद क ड्रेस तैयार करा रहे हैं। बाजार में सांता क्लोज के कपड़ों का भी बाजार सज गया है।