सिरोंज (ईएमएस) । विदिशा - केसीसी के माध्यम से ऋण लेने की प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के उद्देश्य से किसान ग्रामीण निवेश एवं क्रेडिट सहायता मोबाइल एप्लिकेशन का प्रशिक्षण कुरवाई, ग्यारसपुर, विदिशा सहित कृषि एवं सीएससी पर किसान कल्याण मंत्रालय तथा कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा प्रदान किया गया। यह डिजिटल पहल किसानों को फसल, पशुपालन एवं मत्स्य पालन के लिए केसीसी ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सरल एवं किसान-हितैषी बनाने का लक्ष्य रखती है। कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कॉमन सर्विस सेंटर एवं बैंकों के प्रतिनिधियों की सहभागिता रही। इस अवसर पर श्रीमती स्वेता सत्या (डायरेक्टर-कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय), श्री सुमित सोनी (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय), श्री मुकेश सैनी एवं निशांत शिवा जिला प्रबंधक विदिशा कॉमन सर्विस सेंटर ने किसानों को केसीसी के लाभों एवं कृषि मंत्रालय की विभिन्न हालिया पहलों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में सीएससी वीएलई, कृषि सखी, बैंकिंग संवाददाता एवं किसानों ने भी सक्रिय रूप से सहभागिता की। इस मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किसान सीधे अपने मोबाइल फोन से केसीसी ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, सीएससी, कृषि सखियों एवं बैंकिंग संवाददाताओं के माध्यम से भी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे डिजिटल साक्षरता की कमी वाले किसान भी इस सुविधा का लाभ आसानी से उठा सकें।यूज़र-फ्रेंडली इंटरफेस के साथ, यह ऐप ऋण आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है, जिससे किसान अपने आवेदन बैंकों को भेज सकते हैं, उनकी स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं और आवश्यक दस्तावेज़ीकरण को आसानी से पूरा कर सकते हैं। रियल-टाइम ट्रैकिंग और समय पर सूचनाओं के एकीकरण से पारदर्शिता बढ़ती है, और लोन वितरण की प्रक्रिया तेज़ होती है। इस पहल का एक प्रमुख आकर्षण इसकी लोन सीमा और प्रोम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव लाभों की त्वरित गणना करने की क्षमता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बिना संपार्श्विक (collateral-free) केसीसी लोन की सीमा ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दी है। यह कदम छोटे और सीमांत किसानों पर वित्तीय दबाव को कम करने और कृषि में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करने में सहायक होगा। तकनीक के उपयोग से सरकार न केवल ग्रामीण ऋण की उपलब्धता को बढ़ा रही है, बल्कि किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता भी प्रदान कर रही है। जैसे-जैसे यह पहल देशभर में लागू होगी, इसका प्रभावी क्रियान्वयन भारत में कृषि वित्तपोषण की प्रणाली को पुनः परिभाषित करेगा, जिससे समय पर और सस्ता लोन उन लोगों तक पहुंच सके जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। ईएमएस/21/12/25