-एआई रणनीति पीएम के टेक्नोलॉजी के लोकतंत्रीकरण के विजन पर आधारित नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत का एआई टैलेंट बेस 2027 में दोगुना होने की उम्मीद है। इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि देश में बढ़ता एआई टैलेंट बेस ग्लोबल डेवलपर्स में भारतीयों की बढ़ती भागीदारी से भी दिखाता है। गिटहब एआई प्रोजेक्ट्स में भारत 2024 में दूसरे नवंबर पर था और कुल एआई प्रोजेक्ट्स में हिस्सेदारी 19.9 फीसदी थी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक यह भारत के एआई डेवलपर इकोसिस्टम की गहराई को रेखांकित करता है। यह इंडियाएआई मिशन के तहत बड़े पैमाने पर एआई कौशल विकास, अनुसंधान और इनोवेशन पर सरकार के फोकस को भी प्रमाणित करता है। भारत की एआई रणनीति पीएम नरेंद्र मोदी के टेक्नोलॉजी के लोकतंत्रीकरण के विजन पर आधारित है। इसका उद्देश्य भारत केंद्रित चुनौतियों का समाधान करना और एआई में अवसर और रोजगार सृजित करना है। एआई से संबंधित नौकरियां आईटी, विनिर्माण, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, प्रशासन आदि जैसे कई क्षेत्रों में फैली हैं। इन क्षेत्रों में एआई के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ कुशल पेशेवरों की मांग भी बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत एआई टैलेंट अधिग्रहण में विश्व में अग्रणी है, जिसकी वार्षिक भर्ती दर लगभग 33 फीसदी है और एआई स्किल फैलाने में वैश्विक स्तर पर शीर्ष देशों में शुमार है। 2016 से लेकर अब तक देश में एआई टैलेंट का केंद्रीकरण तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया है। सरकार की कई पहलें एआई प्रतिभाओं के विकास में सहयोग करती हैं, जैसे इंडियाएआई फ्यूचरस्किल्स, जो इंडियाएआई मिशन के प्रमुख स्तंभों में से एक है और जिसका मुख्य उद्देश्य एआई प्रतिभाओं और अनुसंधान को विकसित करना है। सरकार एआई से संबंधित कार्यों के लिए 500 पीएचडी शोधार्थियों, 5,000 स्नातकोत्तर छात्रों और 8,000 स्नातक छात्रों को सहायता प्रदान कर रही है। एनआईईएलआईटी के जरिए टियर-2 और टियर-3 शहरों में इंडियाएआई डेटा और एआई लैब स्थापित की गई हैं, जहां एआई, डेटा संकलन, एनोटेशन, डेटा क्लीनिंग और एप्लाइड डेटा साइंस में पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इसके अलावा मंत्री वैष्णव के मुताबिक 27 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 174 आईटी संस्थानों और पॉलिटेक्निक संस्थानों को अतिरिक्त इंडियाएआई डेटा और एआई लैब स्थापित करने की मंजूरी दी गई है। सिराज/ईएमएस 22 दिसंबर 2025