:: इंदौर की विशेषज्ञ टीम ने 87 वर्षीय बुजुर्ग और 110 किलो वजनी मरीजों की जटिल सर्जरी कर रचा इतिहास; कंप्यूटर असिस्टेड तकनीक बनी वरदान :: इंदौर (ईएमएस)। अस्थि रोग चिकित्सा के क्षेत्र में नया मील का पत्थर स्थापित करते हुए मेदांता अस्पताल इंदौर ने मात्र तीन माह के अंतराल में 100 ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी का सफल आंकड़ा पार कर लिया है। अस्पताल की यह उपलब्धि केवल संख्या तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें हाई-रिस्क और अत्यंत चुनौतीपूर्ण मामलों को सफलतापूर्वक हल करने का चिकित्सकीय कौशल भी शामिल है। अस्पताल के वरिष्ठ कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक्स डॉ. अनीश गर्ग ने बताया कि इन 100 मामलों में कई ऐसे मरीज थे जिनकी सर्जरी करना एक बड़ी चुनौती थी। डॉ. गर्ग ने कहा, हमारे पास 87 वर्ष की बुजुर्ग महिला से लेकर 110 किलो से अधिक वजन वाले मरीज आए। गंभीर पार्किंसन और रिवीजन हिप रिप्लेसमेंट जैसे जटिल मामलों को भी आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ टीम के समन्वय से सफल बनाया गया। पूर्व में ऐसे मामलों में सर्जरी को लेकर आशंकाएं रहती थीं, लेकिन अब बेहतर परिणामों ने इसे सुरक्षित सिद्ध कर दिया है। इस सफलता का मुख्य आधार मेदांता की कंप्यूटर असिस्टेड सर्जरी और एडवांस इम्प्लांट तकनीक है। डॉ. गर्ग के अनुसार, एक समर्पित टीम जिसमें अनुभवी सर्जन, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट शामिल हैं, मरीजों की त्वरित रिकवरी सुनिश्चित करती है। अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर और बेहतर पोस्ट-ऑपरेटिव केयर की वजह से मरीज अब बहुत कम समय में सामान्य जीवन में लौट पा रहे हैं। :: कब और क्यों जरूरी है सर्जरी? ज्वाइंट रिप्लेसमेंट उन लोगों के लिए आशा की किरण है जो घुटनों या कूल्हों के असहनीय दर्द के कारण चलने-फिरने में असमर्थ हैं। - मुख्य कारण : जोड़ों का घिसना (ऑस्टियोआर्थराइटिस), पुरानी चोट या फ्रैक्चर और दवाओं का असर न होना। - कब लें परामर्श : यदि लगातार सूजन रहे, चलने में परेशानी हो और फिजियोथेरेपी से राहत न मिले। :: जोड़ों के स्वास्थ्य हेतु 5 गोल्डन रूल्स :: मेदांता की मेडिकल टीम ने स्वस्थ जीवन के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए हैं: - भार प्रबंधन : संतुलित वजन जोड़ों पर दबाव कम करता है। - नियमित योग : हल्का व्यायाम हड्डियों के लचीलेपन को बनाए रखता है। - पोषक आहार : कैल्शियम और विटामिन-डी को भोजन में प्राथमिकता दें। - सतर्कता : जोड़ों पर अत्यधिक दबाव वाले कार्यों से बचें। :: दर्द को अनदेखा न करें, शुरुआती चरणों में विशेषज्ञ से मिलें :: विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि जोड़ों के घिसने, लगातार सूजन या दवाओं से आराम न मिलने की स्थिति में सर्जरी एक प्रभावी विकल्प है। हड्डियों के स्वास्थ्य हेतु वजन पर नियंत्रण और विटामिन-डी युक्त आहार अनिवार्य है। 100 सफल सर्जरी का यह आंकड़ा इंदौर को मध्य भारत में ऑर्थोपेडिक उपचार के एक विश्वसनीय केंद्र के रूप में सुदृढ़ करता है। प्रकाश/22 दिसम्बर 2025