नई दिल्ली(ईएमएस)। बीते दिनों भारत विरोधी और कट्टरपंथी युवा छात्र नेता उस्मान हादी की मौत के बाद से बांग्लादेश में बने हुए तनावपूर्ण हालात के बीच सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने भारत के इस निकट पड़ोसी देश की सत्ता पर वर्तमान में काबिज अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। इसके अलावा उन्होंने अपने देश से जुड़े हुए कई अन्य मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है। जिसमें हिंसा और तनाव से भारत-बांग्लादेश संबंधों पर पड़ते प्रभाव, अपने बांग्लादेश प्रत्यर्पण का भी जिक्र किया गया है। एक साक्षात्कार में शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के मौजूदा हालातों के लिए पूरी तरह से मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार जिम्मेदार है। क्योंकि उसी के शासनकाल में हुई कट्टरपंथी छात्र नेता हादी की अचानक मौत के बाद तनाव बढ़ा है। जो इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करता है कि ढाका में कानून-व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है और चरमपंथी तत्वों को लगातार बढ़ावा मिल रहा है यानी वो बड़े पैमाने पर फल-फूल रहे हैं। अंतरिम सरकार में कैबिनेट रैंक पर चरमपंथियों के अलावा कानून द्वारा सजा पाए आतंकवादियों को बिठाया गया है। यहां बता दें कि अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए उग्र छात्र आंदोलन की वजह से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना देश छोड़कर भारत आना पड़ा था। इसके बाद से वह यहां पर शरण लिए हुए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कि पिछले साल मुझे सत्ता से हटाने के बाद से लगातार बांग्लादेश के हालात खराब होते जा रहे हैं। जिनका केवल बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति पर ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा। भारत भी इसमें प्रमुख रूप से शामिल है। इसी अराजकता ने पहले 2024 में मेरी सरकार को हटाया और अब यूनुस की सरकार में ये कई गुना बढ़ गई है। हिंसा एक प्रकार से आज के बांग्लादेश की नियम वाली सच्चाई बन चुकी है। जिसे रोकने में या तो मौजूदा अंतरिम सरकार विफल साबित हुई है या फिर उसके पास इसे रोकने की सामर्थ, शक्ति ही नहीं है। हसीना ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश की हिंसा, अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों, अराजकता और अनिश्चितता की स्थिति को प्रत्यक्ष रूप से देखा है। एक प्रकार से यह सब कुछ ढहने जैसा है, जिसे कभी हमने भारत के साथ मिलकर बनाया था। उन्होंने कहा कि जब आप अपनी सीमाओं पर सामान्य स्थिति बरकरार नहीं रखेंगे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही भी आपकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचता है। भारत, बांग्लादेश के बीच मौलिक संबंध हैं, जो मोहम्मद यूनुस के जाने के बाद भी बने रहेंगे। हसीना ने ये भी कहा कि मोहम्मद युनूस की सरकार की हकीकत इस बात से ही पता चल जाती है। क्योंकि उसमें चरमपंथी तत्वों का बोलबाला है। अंतरिम सरकार ने कानून से सजा पाए आतंकवादियों को न केवल जेल से रिहा किया है। बल्कि उन्हें अपनी सरकार में कैबिनेट पोजिशन भी प्रदान की है। यह एक प्रकार से ऐसा है कि बांग्लादेश में ऐसे आतंकी समूहों को सरकारी भागीदारी दी गई है, जिनका अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से संबंध है और आज वो सार्वजनिक जीवन से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ गए हैं। चिंता की बात ये है कि यह लोग कोई राजनेता नहीं हैं। न ही इन्हें बांग्लादेश जैसे जटिल देश पर शासन करने का कोई अनुभव है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कट्टरपंथी बांग्लादेश की सरकार का चेहरा बन रहे हैं। ये लोग सुनियोजित ढंग से हमारे देश के संस्थानों को कट्टरपंथी बना रहे हैं। जो न केवल भारत बल्कि दक्षिण-एशिया की स्थिरता में रूचि रखने वाले हर देश के लिए चिंता का कारण होना चाहिए। वीरेंद्र/ईएमएस/23दिसंबर2025 -------------------------------------