कोरबा (ईएमएस) जानकारी के अनुसार सत्र 1980 से 1992 तक एक साथ आदर्श बाल मंदिर बालको नगर में पढ़े छात्र एक बार फिर 33 साल बाद दो दिवसीय रियूनियन कार्यक्रम अंतर्गत मिले। यह मुलाकात छात्रों के लिए भावुक करने वाली रही, वहीं दो दिवसीय रियूनियन के कार्यक्रम में फिर से सभी ने एक दूसरे से खट्टी-मिट्टी यादों को ताजा कर नई ऊर्जा व उमंग के साथ अपने-अपने गंतव्य तक लौट गए। बताया जा रहा हैं की दो दिवसीय रियूनियन का यह कार्यक्रम पूर्व छात्र-छात्राओं के सहयोग से संभव हुआ। पहले दिन का कार्यक्रम कोरबा में स्थित औरा गोल्ड होटल में संपन्न हुआ। जिसमें दूर-दराज स्थानों में निवासरत छात्र-छात्राएं इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरूआत सभी के परिचय और उनके जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों की प्रस्तुति से हुआ। विभिन्न प्रकार के खेलकूद, नृत्य और संगीतमय इत्यादि ने सभी पूर्व छात्रों को आनंद व उमंग से भर दिया। शाम के कार्यक्रम में स्कूल की शिक्षिकाएं भी शामिल हुईं। जिनका अभिनंदन सभी छात्र/छात्राओं के द्वारा शॉल और श्रीफल से किया गया। इन सभी शिक्षिकाओं के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम में विजेता और उपविजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार के साथ-साथ स्मृति चिन्ह व उपहार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्राओं को विशिष्ट उपहार विनीता राजेश द्विवेदी, एकेडी एसोसिएट्स और गौरीशंकर अग्रवाल पीहर साड़ी, द्वारा दिया गया। कोरबा और शिक्षिकाओं का सम्मान प्रिया यशवंत शर्मा के द्वारा किया गया। अंत में सभी ने एक साथ डिनर कर शिक्षकों को भी स्मृति चिन्ह व उपहार देकर सम्मानित किया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम को यादगार, आनंदमय और सफल बनाने में मधु सिंह, गौरीशंकर अग्रवाल, राजेश द्विवेदी, पंकज कौशिक, रितेश साहू एवं सभी साथियों का रहा। अंत में सभी मित्रों, शिक्षिकाओं का आभार प्रदर्शन राकेश कुमार सिंह ने किया। पूर्व छात्रों ने दूसरे दिन की शुरुआत बचपन में पढ़े आदर्श बाल मंदिर में पहुंचकर राष्ट्रगान से की। टीम में शामिल पूर्व छात्रों के बीच 10 मिनट लिखित परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में उनसे जुड़े स्कूल के अनुभव व उनकी हैंडराइटिंग का परीक्षण करना था। परीक्षा में शामिल पूर्व छात्रों में 6 को बेस्ट विद्यार्थी का पुरस्कार दिया गया। प्राचार्य भूमिका पूर्व छात्रा संध्या सिंह ने निभाया। शिक्षिका की भूमिका में कोरबा से कनकलता पुरोहित व बिलासपुर से प्रिया शर्मा रही। परीक्षा के बाद सभी ने विद्यालय परिसर में अपनी टिफिन का नास्ता कर विद्यालय की यादों को ताजा किया। 24 दिसंबर / मित्तल