सड़क निर्माण कार्य पर नहीं लगाया गया है कोई प्रतिबंध भोपाल (ईएमएस)। शहर के आसाराम तिराहा (करोंद रोड) से रत्नागिरी तिराहा तक करीब 16 किलोमीटर लंबे फोरलेन के चौड़ीकरण के लिए प्रस्तावित हजारों पेड़ों की कटाई पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अंतरिम रोक लगा दी है। एनजीटी ने सड़क निर्माण कार्य पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। ट्रिब्यूनल ने साफ किया है कि पेड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना निर्माण कार्य जारी रह सकता है। एनएचएआई द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए लगभग 8 से 12 हजार पेड़ों को हटाने की योजना बनाई गई थी। मंगलवार से कटाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन पर्यावरण से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के बाद अगले ही दिन एनजीटी ने इस पर रोक लगा दी। इस मामले में याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सक्सेना ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण से पहले तय पर्यावरणीय मानकों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भोपाल पहले ही बीआरटीएस, स्मार्ट सिटी, कोलार सिक्सलेन और मेट्रो जैसी परियोजनाओं में लाखों पेड़ खो चुका है। हर बार पौधरोपण का दावा किया गया, लेकिन जमीन पर उसके परिणाम नजर नहीं आते। याचिकाकर्ता पक्ष के वकील हरप्रीत सिंह गुप्ता ने एनजीटी को बताया कि पूर्व आदेशों के बावजूद अब तक ऐसी कोई केंद्रीय सशक्त समिति गठित नहीं की गई, जो कम से कम पेड़ों की कटाई के विकल्पों पर विचार कर सके। इसके अलावा काटे गए वृक्षों की भरपाई और रोपित पौधों को पांच साल तक जीवित रखने की स्पष्ट योजना भी प्रस्तुत नहीं की गई है। एनजीटी ने इन तथ्यों को गंभीर मानते हुए 8 जनवरी 2026 तक पेड़ों की कटाई पर पूर्ण रोक लगा दी है। अगली सुनवाई इसी तारीख को होगी। ट्रिब्यूनल ने निर्देश दिए हैं कि जब तक समिति की बैठक के मिनट्स और वैकल्पिक योजना पेश नहीं की जाती, तब तक एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। मामले की सुनवाई जस्टिस पुष्पा सत्यानारायणा और एक्सपर्ट मेंबर सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ ने की। पीठ ने स्पष्ट किया कि परियोजना स्थल पर वृक्षों की कटाई पर रोक रहेगी, लेकिन एनएचएआई पेड़ों से छेड़छाड़ किए बिना सड़क परियोजना से जुड़े अन्य कार्य जारी रख सकता है।