25-Dec-2025
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-स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल कनाडा (ईएमएस)। कनाडा की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर कठघरे में है। एडमॉन्टन के ग्रे नन्स कम्युनिटी हॉस्पिटल में 44 वर्षीय भारतीय मूल के चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रशांत श्रीकुमार की मौत हो गई। आरोप है कि गंभीर सीने के दर्द के बावजूद उन्हें इमरजेंसी वार्ड में आठ घंटे से अधिक इंतज़ार करना पड़ा और समय पर समुचित इलाज नहीं मिला। इस घटना को परिवार और समुदाय के लोगों ने “पूरी तरह टाली जा सकने वाली त्रासदी” करार दिया है। परिजनों के अनुसार, 22 दिसंबर को काम के दौरान प्रशांत श्रीकुमार को अचानक तेज़ सीने में दर्द हुआ। एक क्लाइंट उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचा। प्रशांत के पिता कुमार श्रीकुमार ने बताया कि उनके बेटे का दर्द “15 में से 10 स्तर का, असहनीय” था। अस्पताल पहुंचने पर उनका ईसीजी किया गया, लेकिन कथित तौर पर कोई गंभीर समस्या नहीं बताई गई और उन्हें केवल टाइलेनॉल देकर प्रतीक्षा करने को कहा गया। परिवार का आरोप है कि इस दौरान प्रशांत की हालत लगातार बिगड़ती गई। उनका ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया और वे बार-बार तीव्र दर्द की शिकायत करते रहे, लेकिन कोई त्वरित चिकित्सकीय हस्तक्षेप नहीं हुआ। आठ घंटे से अधिक इंतज़ार के बाद जब उन्हें अंततः ट्रीटमेंट एरिया में बुलाया गया, तो वे अचानक गिर पड़े। मेडिकल स्टाफ ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मौत हो गई। प्रशांत अपने पीछे पत्नी और तीन छोटे बच्चों 3, 10 और 14 वर्ष को छोड़ गए हैं। परिवार और मित्रों का कहना है कि समय पर और गंभीरता से इलाज मिलता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। भारतीय समुदाय के सदस्य वरिंदर सिंह भुल्लर ने कहा कि यह घटना स्वास्थ्य प्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर करती है और इसे रोका जा सकता था। घटना का वीडियो और विवरण सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोग आपातकालीन सेवाओं में लंबा इंतज़ार, ट्रायज प्रक्रिया और स्टाफिंग की कमी पर सवाल उठा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सीने के तेज़ दर्द जैसे लक्षणों को उच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए और ऐसे मामलों में देरी जानलेवा साबित हो सकती है। अस्पताल प्रशासन की ओर से विस्तृत आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार है। वहीं, स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मामले की जांच की मांग उठ रही है। समुदाय के लोग पारदर्शी जांच, जवाबदेही और इमरजेंसी सेवाओं में सुधार की अपील कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।