लंदन,(ईएमएस)। क्रिसमस का दिन आमतौर पर खुशियों, मुस्कान और जश्न का प्रतीक है, लेकिन 25 दिसंबर 1977 को पूरी दुनिया शोक में डूब गई थी। क्योंकि इस दिन सिनेमा के उस महान कलाकार ने हमेशा के लिए आंखें मूंद लीं, जिसने बिना एक शब्द बोले करोड़ों चेहरों पर हंसी ला दी। यह शख्सियत थे चार्ली चैपलिन, मूक फिल्मों के सबसे बड़े सितारे और कॉमेडी के बेताज बादशाह। सालों तक लोगों को हंसाने वाले शख्स की मौत के साथ एक रहस्य भी जुड़ा। दरअसल उनकी लाश एक दिन चोरी हो गई थी। चार्ली चैपलिन का जन्म 16 अप्रैल 1889 को लंदन में हुआ था। गरीबी, संघर्ष और मुश्किलों से भरे बचपन ने उनके भीतर संवेदनशीलता और मानवीय भावनाओं की गहरी समझ पैदा की। इसकारण उनका सबसे मशहूर किरदार द ट्रैम्प सिर्फ हंसाता नहीं था, बल्कि दर्शकों को रुला भी देता था। छोटी टोपी, छड़ी, ढीली पैंट और बड़ी जूतियों में सजा यह किरदार आज भी सिनेमा इतिहास का अमर प्रतीक है। चार्ली ने अपने जीवन के आखिरी साल स्विट्जरलैंड में बिताए। 25 दिसंबर 1977 को 88 वर्ष की उम्र में नींद में ही उनका निधन हो गया। दुनिया भर में उनके चाहने वालों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई, उनकी मौत के कुछ महीनों बाद ऐसी घटना घटी, जिसने सभी को हैरान कर दिया। मार्च 1978 में चार्ली चैपलिन की कब्र से उनकी लाश चोरी हुई। यह खबर सामने आते ही पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई। बाद में पता चला कि यह कोई सनसनीखेज अपराध नहीं, बल्कि फिरौती की साजिश थी। दो लोग एक पोलिश और एक बल्गेरियाई नागरिक ने चैपलिन के परिवार से पैसे ऐंठने के लिए यह घिनौनी हरकत की थी। उन्होंने चैपलिन की विधवा ऊना चैपलिन से संपर्क कर फिरौती मांगी, लेकिन ऊना ने साहस दिखाते हुए पुलिस की मदद ली। कई हफ्तों की जांच के बाद पुलिस ने अपराधियों को पकड़ लिया और चार्ली चैपलिन की लाश को एक खेत से बरामद किया गया। इसके बाद उन्हें दोबारा पूरे सम्मान के साथ दफनाया गया, और इस बार कब्र की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया गया। आशीष दुबे / 25 दिसंबर 2025