अंतर्राष्ट्रीय
25-Dec-2025


अल्जीयर्स (ईएमएस)। उत्तरी अफ्रीकी देश अल्जीरिया की संसद ने फ्रांस के औपनिवेशिक शासन को औपचारिक रूप से “अपराधिक कृत्य” घोषित करते हुए एक ऐतिहासिक कानून पारित कर दिया है। यह कानून फ्रांस के 130 वर्षों (1830–1962) के शासनकाल में हुए अत्याचारों, शोषण और संसाधनों की लूट के लिए मुआवजे और ऐतिहासिक सुधार की मांग करता है। 407 सदस्यीय नेशनल असेंबली में यह प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित हुआ, जहां 340 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान किया। यह कानून उस दौर को समाहित करता है जब फ्रांसीसी सेना ने 1830 में अल्जीरिया पर कब्जा किया और 5 जुलाई 1962 को देश को स्वतंत्रता मिली। कानून के तहत फ्रांस से कई अहम मांगें की गई हैं जिनमें औपनिवेशिक काल में फ्रांस ले जाए गए अल्जीरियाई अभिलेखागार और सांस्कृतिक संपत्तियों की वापसी, 1960 से 1966 के बीच किए गए फ्रांसीसी परमाणु परीक्षणों के विस्तृत नक्शे और जानकारी, फ्रांस में रखे गए अल्जीरियाई स्वतंत्रता सेनानियों के अवशेषों की वापसी शामिल है। इसके अलावा, कानून में अल्जीरिया में फ्रांसीसी उपनिवेशवाद का महिमामंडन करने वालों के लिए जेल की सजा का भी प्रावधान रखा गया है। फ्रांस ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे “शत्रुतापूर्ण पहल” करार दिया है। फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कानून दोनों देशों के बीच अतीत के घाव भरने की कोशिशों को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि फ्रांस द्वारा इन मांगों को स्वीकार किए जाने की संभावना बेहद कम है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अफ्रीकी देशों में औपनिवेशिक इतिहास को लेकर न्याय, माफी और मुआवजे की मांग तेज़ हो रही है, जिससे यूरोप-अफ्रीका संबंधों में नया तनाव उभरता दिख रहा है। सुबोध/ २५ -१२-२०२५