राष्ट्रीय
26-Dec-2025
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अहमदाबाद(ईएमएस)। गुजरात का कच्छ जिला शुक्रवार तड़के एक बार फिर भूकंप के जोरदार झटकों से दहल उठा। जब लोग गहरी नींद में थे, तभी अचानक आए तेज कंपन ने पूरी घाटी को हिला दिया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के आंकड़ों के अनुसार, यह भूकंप सुबह करीब 4:30 बजे महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई है। तड़के आए इस झटके ने लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। भूकंप वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस झटके का असर काफी स्पष्ट और प्रभावी था क्योंकि इसका केंद्र जमीन की सतह से महज 10 किलोमीटर नीचे स्थित था। केंद्र के सतह के करीब होने के कारण झटके की तीव्रता अधिक महसूस की गई। भौगोलिक दृष्टि से कच्छ का यह पूरा इलाका सिस्मिक ज़ोन-5 के अंतर्गत आता है, जिसे भारत का सबसे अधिक भूकंप संवेदनशील और खतरनाक क्षेत्र माना जाता है। यही कारण है कि यहां आने वाले छोटे झटके भी प्रशासन और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा देते हैं। तड़के जब खिड़कियां और दरवाजे तेज आवाज के साथ खड़खड़ाने लगे, तो स्थानीय निवासियों में साल 2001 की भीषण तबाही की यादें ताजा हो गईं। भुज, अंजार और गांधीधाम जैसे प्रमुख शहरों में लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर खुले मैदानों की ओर भागने लगे। हालांकि, राहत की बात यह रही कि अब तक इस घटना में किसी बड़े जान-माल के नुकसान या इमारतों के गिरने की कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है। स्थानीय प्रशासन वर्तमान में स्थिति पर नजर बनाए हुए है और ग्रामीण क्षेत्रों से नुकसान का जायजा ले रहा है। रिक्टर स्केल के गणित को समझें तो 4.0 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां बजाने और घर में रखे फोटो फ्रेम या हल्के सामान गिराने के लिए पर्याप्त होता है। 2001 के विनाशकारी भूकंप के इतिहास को देखते हुए, कच्छ में 4.4 की तीव्रता को भी गंभीरता से लिया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे झटकों के बाद हल्के आफ्टरशॉक्स आने की संभावना बनी रहती है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। वीरेंद्र/ईएमएस/26दिसंबर2025