नई दिल्ली,(ईएमएस)। कांग्रेस ने विकसित भारत जी राम जी कानून (वीबी-जी राम जी कानून) के विरोध के लिए नई रणनीति बनाई है। इसकी शुरुआत पार्टी कार्यकर्ता जमीनी स्तर से शुरू करने वाले हैं। कांग्रेस मनरेगा की जगह जी राम जी कानून (विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन-ग्रामीण) लाने का पूरजोर विरोध कर रही है और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी दावा कर चुके हैं कि वे मोदी सरकार को नया कानून वापस लेने को मजबूर कर देने वाले है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए बहुत बड़ी रणनीति तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने कार्यकर्ताओं को आदेश दिया है कि विकसित भारत जी राम जी कानून पर जागरूकता के लिए केंद्र की पहल पर ग्राम सभाओं की जो बैठक होनी है,पार्टी कार्यकर्ता वहीं जाकर नए कानून से जुड़ी कथित गलत जानकारियों का पर्दाफाश करे। कांग्रेस पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि सरकार की ओर से आयोजित हो रही ग्राम सभाओं की बैठक में बड़ी संख्या में शामिल हों। केंद्र सरकार ने शुक्रवार से इन बैठकों का आयोजन किया है। इस बैठक का मकसद वी-बी जी राम जी कानून के बारे में जागरूकता बढ़ना है। कांग्रेस की ओर निर्देश पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश इकाइयों को दिए हैं, जिसमें कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे गांव वालों के सामने नए कानून से जुड़े तथ्यों को रखें और अच्छे से बताएं इसकी वजह से काम के अधिकार को बजट नियंत्रित योजना में बदला गया है और एक तरह से मांग आधारित कार्यक्रम को खत्म कर दिया गया है, जो कि (मनरेगा) 20 साल से ज्यादा समय से गरीबों और वंचितों के लिए लाइफलाइन बनी हुई थी। कांग्रेस मनरेगा की जगह नया कानून बनाने की वजह से बीजेपी सरकार का विरोध कर रही है और इसका नाम बदले जाने पर इस बिल को गांधी विरोधी बता रही है। कांग्रेस के निर्देश में ग्राम सभाओं की बैठक बुलाने को लेकर कहा है,यह नए कानून को गरीबों के हित वाला बताकर ग्रामीण मजदूरों और लाभार्थियों को गुमराह करने का मंच है। बता दें कि मनरेगा हटाकर उसकी जगह विकसित भारत जी राम जी कानून बनाए जाने पर विपक्ष के भारी विरोध को देखकर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालयों के सचिव क्रमश: सैलेश कुमार सिंह और विवेक भारद्वाज की अगुवाई में राज्यों को शुक्रवार को ग्राम सभा आयोजित करने के लिए लिखा गया है, ताकि ग्रामीणों खासकर अनुसूचित जाति और अनसूचित जनजाति परिवारों और महिलाओं को नए कानून की विशेषताओं से अवगत करा सके। आशीष दुबे / 26 दिसंबर 2025