डीजीसीए को सौंपी गई रिपोर्ट, अब अगले कदम पर सभी की नजर नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में दिसंबर की शुरुआत में हुए बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन के मामले में जांच पैनल ने 22 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए को सौंप दी है। यह पैनल 5 दिसंबर को गठित हुआ था और अब इसकी रिपोर्ट जमा की गई। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट को फिलहाल गोपनीय रखा है, इसलिए इसके निष्कर्ष सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इंडिगो में पायलटों की कमी नहीं थी, बल्कि फ्लाइट कैंसिलेशन की असली वजह पायलटों की शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग में गड़बड़ी थी। नवंबर महीने में इंडिगो ने अपने 307 एयरबस विमानों के संचालन के लिए कुल 4,575 पायलट नियुक्त किए थे, जबकि ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के अनुसार केवल 3,684 पायलटों की जरूरत थी। यानी इंडिगो के पास आवश्यक संख्या से 891 पायलट ज्यादा थे। रिपोर्ट में बताया गया कि सामान्य परिस्थितियों में ऑपरेशन, ट्रेनिंग, छुट्टी और इमरजेंसी जरूरतों को ध्यान में रखबर हर विमान के लिए छह क्रू सेट रखे जाते हैं। डीजीसीए के न्यूनतम मानकों के अनुसार, नवंबर में इंडिगो की पूरी फ्लीट के लिए केवल 3 क्रू सेट या करीब 1,842 पायलट ही पर्याप्त थे, जो एयरलाइन में मौजूद पायलटों की संख्या के आधे से भी कम है। इसके बावजूद उड़ानों का रद्द होना यह संकेत देता है कि मानव संसाधनों का सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया। रिपोर्ट में सामने आया हैं कि इंडिगो के क्रू का मासिक उपयोग रेगुलेशन के तहत अनुमानित 100 घंटों की तुलना में केवल 55 प्रतिशत था। इसका मतलब यह हुआ कि उपलब्ध पायलटों का पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया, जिससे ऑपरेशनल अव्यवस्था पैदा हुई। इंडिगो ने भी डीजीसीए को दिए अपने जवाब में माना कि पायलटों की संख्या पर्याप्त से अधिक थी और समस्या मुख्य रूप से रोस्टरिंग सिस्टम में रही। गौरतलब है कि दिसंबर के पहले 10 दिनों में इंडिगो को 5,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। इससे देशभर में हजारों यात्री फंस गए और एयरलाइन को यात्रियों को 1,500 करोड़ से अधिक की रिफंड राशि लौटानी पड़ी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद मोदी सरकार ने जांच समिति का गठन किया। जांच पैनल में डीजीसीए के डायरेक्टर जनरल संजय ब्रह्मणे, डिप्टी डायरेक्टर जनरल अमित गुप्ता, सीनियर फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर कैप्टन कपिल मांगलिक और कैप्टन रामपाल शामिल थे। पैनल ने अपनी रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू और मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा को भी सौंपी है। अब सबकी नजर डीजीसीए और सरकार के अगले कदम पर है, जिससे यह तय होगा कि भविष्य में इसतरह के संकट से बचने के लिए इंडिगो और अन्य एयरलाइंस पर क्या कार्रवाई या सुधार लागू किए जाते हैं। आशीष दुबे / 27 दिसंबर 2025