ट्रेंडिंग
27-Dec-2025
...


नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली के इंदिरा भवन में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की अहम बैठक शनिवार को शुरू हुई। बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी के प्रमुख नेता शशि थरूर हिस्सा लेने पहुंचे हैं। इस बैठक में जहां बिहार विधानसभा चुनाव में हार पर मंथन हो सकता है वहीं आगामी चुनावों को लेकर संगठनात्मक मजबूती पर चर्चा हो सकती है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पहुंचने वालों में शशि थरुर शामिल हैं, जिन पर मीडिया की खास नजर है। दरअसल हाल के दिनों में पार्टी की दो बड़ी बैठकों में शामिल न होने वाले शशि थरूर की इस बैठक में मौजूदगी को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की यह पहली बैठक है। इसमें कांग्रेस शासित राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा संबंधित प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (पीसीसी) के अध्यक्ष भी शामिल हो रहे हैं। बैठक के दौरान देश के मौजूदा राजनीतिक हालात, संगठनात्मक मजबूती और आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा की जा रही है। बैठक के एजेंडे में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित वीबी- जी राम जी (ग्रामीण रोजगार एवं आजीविका) विधेयक के खिलाफ पार्टी के एक्शन प्लान पर विचार प्रमुख रूप से शामिल है। कांग्रेस इस नए कानून के विरोध में आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर सकती है। पार्टी का आरोप है कि यह कानून यूपीए सरकार के समय लागू किए गए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को कमजोर करता है और महात्मा गांधी का नाम हटाना उनके योगदान का अपमान है। गौरतलब है कि नया ग्रामीण रोजगार कानून शीतकालीन सत्र में संसद से पारित हुआ था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया गया है। इस कानून के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है, लेकिन योजना की फंडिंग केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में बांटी गई है। कांग्रेस इसे गरीबों के हितों के खिलाफ बताते हुए देशव्यापी विरोध तेज करने की तैयारी में है। हिदायत/ईएमएस 27दिसंबर25