- एक लाख रुपए लेने का आरोप, जुर्माना के नाम पर भी मांगे पैसे - 21 सितंबर 2024 को जब्त किए गए थे तीन ट्रैक्टर - 6 माह तक रेंजर ने अपने ही पास रखी थी प्रकरण की फाइल बालाघाट (ईएमएस). दक्षिण बालाघाट डीएफओ अधर गुप्ता के हटते ही गड़बडिय़ोंं की परते खुलने लगी हैं। इसी कड़ी में जब्त ट्रेक्टर मालिकों को गुमराह कर पैसा वसूलने का मामला प्रकाश में आया है। इस पर सीएफ बालाघाट गौरव चौधरी तत्काल एक्शन में आए और लौंगूर रेंजर विवेक सिंह बघेल को निलंबित कर दिया। सूत्रों ने बताया कि रेंजर विवेक सिंह का भोपाल कनेक्शन होने की बदौलत मनमानी और गड़बड़ी करता रहा और उसके खिलाफ अब तक कोई एक्शन नहीं किया गया। विवेक सिंह के निलंबित आदेश के अनुसार 23 दिसंबर को डीएफओ दक्षिण सामान्य बालाघाट के पत्र में लेख किया गया है कि 21 सितम्बर 2024 को रेंजर विवेक सिंह के द्वारा जैतपुरी बीट में रेत का अवैध परिवहन करते हुए तीन ट्रैक्टर क्रमांक एमपी 50 एए 6081, एमपी 50 जेडबी 6343 और एमपी 50 जेडडी 8206 ट्राली सहित जप्त किए गए थे। जिनका वन अपराध 21 सितम्बर 2024 को पंजीबद्ध किया गया था। इन प्रकरणों में कार्यवाही करने के संबंध में विवेक सिंह बघेल रेंजर लौगुर द्वारा शासन हित में कोई कार्यवाही नहीं की गई और 6 माह तक प्रकरण अपने पास रखकर जानबुझकर विलम्ब किया। यही नहीं रेंजर ने जप्त वाहन स्वामियों को गुमराह कर पैसा लिया गया । डीएफओ की अनुशंसा पर हुए निलंबित नित्यानंदम डीएफओ दक्षिण सामान्य बालाघाट द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर सीएफ गौरव चौधरी ने रेंजर विवेक सिंह बघेल को कदाचारण के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में बघेल का मुख्यालय उप वनमंडल कार्यालय बैहर उत्पादन उत्तर उत्पादन वनमंडल बालाघाट रहेगा। क्या वनरक्षक नामदेव पर कार्यवाही करेंगे डीएफओ ? दक्षिण बालाघाट में विवादित रहे डीएफओ अधर गुप्ता के हटने के बाद आईएफएस नित्यानंदम की पदस्थापना हुई है। नित्यानंदम के आने के बाद यह सवाल यक्ष प्रश्न बन गया है कि क्या डीएफओ वनरक्षक योगेश नामदेव के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। जबकि नामदेव के खिलाफ ज्ञानसिंह सैयाम वन समिति सदस्य ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर पीसीसीएफ मुख्यालय भोपाल तक कई गंभीर शिकायत की है। वनरक्षक नामदेव 10-15 सालों से कार्यालय में पदस्थ रहे। इस दौरान सप्लायर्स नेक्सेस से लेकर कथित मजदूर और चौकीदार भुगतान अपने परिचित व्यक्ति के खाते में ड्रा करने की शिकायत है। ट्रांसफर होने के बाद पूर्व डीएफओ अधर गुप्ता ने नामदेव का ट्रांसफर ऑफिस से हटाकर फील्ड में कर दिया था। नए डीएफओ नित्यानंदम के आने के बाद नामदेव की फिर बल्ले-बल्ले हो गई है, क्योंकि उसकी एप्रोच सीधे डीएफओ के किचिन केबिनेट तक है। ट्रैक्टर मालिकों ने की थी शिकायत इस मामले में जनपद पंचायत परसवाड़ा के वन समिति सभापति ग्राम जैतपुरी निवासी व ट्रैक्टर मालिक मोहबल सिंह उइके, देवास मेरावी और खुरसुड़ निवासी यशवंत सैय्याम ने वनसंरक्षक वनवृत्त बालाघाट को लिखित शिकायत की थी। शिकायत में उल्लेख किया गया था कि तीनों ही ट्रैक्टर को जैतपुरी में रेत का परिवहन करते हुए रेंजर विवेक बघेल द्वारा जब्त किया गया था। रेंजर ने तीनों ही वाहनों को छोडऩे के लिए एक लाख रुपए की मांग की थी। जिसके चलते सभापति मोहबल सिंह उइके ने रेजंर विवेक बघेल को सुंदर सिंह भलावी, बसंत सैयाम, सुशील उइके, देवास मरावी, यशवंत सैयाम, उपवनक्षेत्रपाल जितेंद्र उइके, वनरक्षक राकेश कुमार पंद्रे के सामने एक लाख रुपए की राशि प्रदान की गई। बावजूद इसके रेंजर ने तीनों ही वाहनों को नहीं छोड़ा। इतना ही नहीं जब्त तीनों ही ट्रैक्टरों से जुर्माना को नाम पर प्रति वाहन 20 हजार रुपए के हिसाब से 60 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। जबकि जब्त वाहनों में रेत की इतनी कम मात्रा पाई गई थी कि विभाग द्वारा सामान्य राजीनामा के आधार पर जुर्माना लेकर छोड़ सकते थे, जिसकी जानकारी रेंजर को थी। वाहन मालिकों के अनुसार उन्होंने ट्रैक्टर को लोन लेकर क्रय किया है, जिसका पूरा फायदा रेंजर विवेक बघेल ने उठाया है। रेंजर पर दर्ज किया जाए रिश्वत लेने का मामला वाहन मालिकों ने वनसंरक्षक से मांग की है कि इस मामले में रेंजर विवेक बघेल पर रिश्वत लेने का मामला पंजीबद्ध किया जाए। साथ ही नियमानुसार कार्यवाही कर उन्हें सेवा से मुक्त किया जाए। ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी इस तरह की कार्यवाही न कर सकें। शिकायतकर्ताओं के अनुसार रेंजर विवेक बघेल ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों मसलन मुख्य वनसंरक्षक बालाघाट, डीएफओ दक्षिण सामान्य के नाम का उपयोग कर वाहन मालिकों से एक लाख रुपए लिए है।