पूर्व महामंत्री से बातचीत का ऑडियो वायरल होने का दावा छिंदवाड़ा (ईएमएस)। जिले के नगरीय निकायो में कमीशन खोरी का बड़ा खेल चल रहा है। टेंडर के नाम पर ५ प्रतिशत से लेकर १० प्रतिशत तक कमीशन देने की चर्चाएं अक्सर सुर्खियों में बनी होती है। पहली बार एक नगर पालिका का ऑडियो सामने आया है जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष और राजनैतिक दल के पूर्व महामंत्री द्वारा ठेकेदारों को साधने और टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित करने की बातचीत चल रही है। इसमें नगर पालिका अध्यक्ष काम के बदले में ५ प्रतिशत कमीशन सीधे तौर पर मांगते देखे जा रहे है। सोशल मीडिया में यह ऑडियो वायरल होने के बाद हल्ला मच गया है। दावा किया जा रहा है कि जिले की एक नगर पालिका के अध्यक्ष और पूर्व महामंत्री का यह ऑडियो है जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष ने नागपुर के एक ठेकेदार को फोन कर टेंडर न डालने के लिए कहा है और इसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं का हवाला भी दिया गया है। हालांकि वायरल ऑडियो में कितनी सच्चाई है इसका दावा जबलपुर एक्सपे्रस नहीं करता है। पूर्व महामंत्री: अच्छा मैं बोल रहा हूं उस ठेकेदार को मैने गेयर में लिया हूं उसे बिचकने मत देना। नगर पालिका अध्यक्ष: वो आज आ जाएं तो मैं उससे बातचीत कर लूं, क्योकि दो तीन दिन ही बचे है। पूर्व महामंत्री: मैने उसको बोला देख भईया वो कमीशन बहुत मंगता है। मैने कहा कोई चिंता की बात नहीं कमीशन की, लेकिन जहां कोई एडजेस्टिमेंट तो उसको तो करेंगे ही ना। नगर पालिका अध्यक्ष: कमीशन जहां जितना लगता है उतना तो लगेगा ही, उसमें कोई कॉमरोमाईस नहीं, मैने भी एक परसेंट कम लिया था इन लोगों से पूर्व महामंत्री : जितने लेते है उतना ही लिए होंगे ना नगर पालिका अध्यक्ष: नहीं जितना लेता हूं उससे एक परसेंट कम ले लिया था। पूर्व महामंत्री: कितने लेते हो नगर पालिका अध्यक्ष: पांच लेते है पूर्व महामंत्री: तुम्हारे पांच चाहिए ना नगर पालिका अध्यक्ष: हा पूर्व महामंत्री : चार लिए लिए थे क्या, नगर पालिका अध्यक्ष: हां चार लिए थे पूर्व महामंत्री अभी भी उसको बिचकाना मत, चार में ही हां कर लेना, एक मैं दूसरे तरीके से करवा दूंगा, जैसा भईया बोलेंगे वैसा करना है। मैं बोल के करवा दूंगा, मुझे सब समझ रहा है। मैं तुमको बता दूंगा कहां से कैसे एडजेस्टमेंट करना है। उसका एडजेस्टमेंट उसी को दिखा दूंगा। दूसरी जगह भी करना पड़ेगा ना उसके साथ में, नगर पालिका अध्यक्ष: अरे मेको कोई मतलब नहीं उसमें तुम होना मेको कोई मतलब नहीं। इसके बाद टेंडर ना डालने के लिए नागपुर के ठेकेदार से भी नगर पालिका अध्यक्ष ने फोन लगाया और कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष : वहीद भाई, ..... बोल रहा हूं, ठेकेदार जी सर नमस्ते कैसे है नगर पालिका अध्यक्ष : नमस्कार ठीक हू यार तुम कैसे हो , ठेकेदार : ठीक हूं सर नगर पालिका अध्यक्ष : जो अपनी बात हुई थी ना काम को लेकर ठेकेदार: हां सर वो जो साढे चार वाला था नगर पालिका अध्यक्ष : वो अपने को नहीं डालना है ठेकेदार: नहीं डालना है अच्छा नगर पालिका अध्यक्ष : वो एक्चुअल पार्टी का एक मामला आ गया है बीच मेें भोपाल से अभी थोडी देर पहले ही बात हुई फोन से, वो मेको पता था की अपनी बात हुई है उसमें , मैने कहा कम से कम आपको बोल दूं ठेकेदार: अच्छा अच्छा कोई और डाल रहा है क्या उसमे नगर पालिका अध्यक्ष : पार्टी का मामला आ गया प्रदेश से ठेकेदार: अच्छा नगर पालिका अध्यक्ष : अभी दूसरा जो आ रहा है ना फेस टू वाला ये अगले महिने शायद जून के फर्स्ट वीक में लग जाएगा ठेकेदार: अच्छा नगर पालिका अध्यक्ष : तो फिर उसके लिए मैं उनको बोल दूंगा की मेरा कमिटमेंट हो गया । तो फिर तुम वो डाल देना वो भी हॉई स्टेंडर्ड एस्टिमेट है। ठेकेदार: अच्छा अच्छा वो मुख्यमंत्री का ही है ना सर नगर पालिका अध्यक्ष : हा मुख्यमंत्री का ही है ठेकेदार हओ क्या अच्छा अच्छा फिर ठीक है आप जैसा बोले वैसा कर लेंगे। नगर पालिका अध्यक्ष : हा तो ये वाला अपने को नहीं डालना है। इसके अलावा भी कई बातचीत ठेकेदार और नगर पालिका अध्यक्ष के बीच हुई है। जो वायरल वीडियो में सुनाई दे रही है। हालांकि जबलपुर एक्सप्रेस इस आडियो की पुष्टि नहीं करता है। ईएमएस/मोहने/ 27 दिसंबर 2025