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28-Dec-2025
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- पूर्व रॉ एजेंट के दावों से बढ़ा बांग्लादेश-पाकिस्तान विवाद - बांग्लादेश–पाकिस्तान कटघरे में, बांग्लादेश की राजनीति में उबाल - ऑडियो बम से हिली दक्षिण एशिया की सियासत - पूर्व रॉ एजेंट को भयानक मौत की धमकी नई दिल्ली/ढाका (ईएमएस)। बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की रहस्यमयी मौत और उसके बाद भड़की हिंसा को लेकर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नया विवाद खड़ा हो गया है। भारत के पूर्व रॉ एजेंट लक्की बिष्ट द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक कथित ऑडियो क्लिप ने दक्षिण एशिया की राजनीति और खुफिया गलियारों में हलचल मचा दी है। लक्की बिष्ट का दावा है कि इस ऑडियो में बांग्लादेश के एक वरिष्ठ अधिकारी की आवाज़ है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि शरीफ उस्मान हादी की हत्या के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और यूसुफ़ ख़ान की भूमिका थी। बिष्ट के अनुसार, इस साजिश को बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी डीजीएफआई की कथित मौन सहमति भी प्राप्त थी। हालांकि, इस ऑडियो की आधिकारिक पुष्टि अब तक किसी भी एजेंसी द्वारा नहीं की गई है। पूर्व रॉ अधिकारी लक्की बिष्ट ने दावा किया है कि ऑडियो सार्वजनिक करने के बाद उन्हें ई-मेल, सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल माध्यमों से लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। बिष्ट के अनुसार, इन संदेशों में कथित तौर पर डीजीएफआई और आईएसआई से जुड़े नेटवर्क का हवाला दिया गया है और उन्हें ऐसी “भयानक मौत” देने की चेतावनी दी गई है, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। लक्की बिष्ट का आरोप है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की खुफिया एजेंसियां मिलकर इस मामले की सच्चाई को दबाने की कोशिश कर रही हैं, क्योंकि अगर शरीफ उस्मान हादी की मौत के पीछे की वास्तविक वजह सामने आती है, तो दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय छवि को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। इस कथित खुलासे के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल भी गर्म हो गया है। उमर हान नामक व्यक्ति ने सार्वजनिक रूप से यूनूस सरकार को चुनौती देते हुए हादी की मौत और उसके बाद हुई हिंसा के लिए सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले ही बांग्लादेश में हालात संवेदनशील बने हुए थे, और अब इन आरोपों ने सरकार की भूमिका पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। लक्की बिष्ट ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि वे इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि ब्रिटेन की धरती से बांग्लादेश से जुड़े मुद्दे पर आई एक चेतावनी मात्र से ही पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया व्यवस्था में खलबली मच गई। बिष्ट का आरोप है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के कुछ तत्व मिलकर न केवल सच को दबाने, बल्कि क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसी पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी के ये दावे सही साबित होते हैं, तो यह मामला सिर्फ बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति तक सीमित नहीं रहेगा। इससे पाकिस्तान की वैश्विक छवि, आतंक नेटवर्क और दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति पर फिर से अंतरराष्ट्रीय बहस तेज हो सकती है।