काठमांडू,(ईएमएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या के विरोध में नेपाल में बीरगंज, जनकपुरधाम और गोलबाजार जैसे बड़े शहरों में प्रदर्शन किया गया। वहीं मुस्लिमों ने भी रैली निकालकर यूनुस मुर्दाबाद के नारे लगाए। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा अब पड़ोसी देशों में भी भारी आक्रोश पैदा कर रही है। इन प्रदर्शनों का मुख्य कारण हाल ही में बांग्लादेश में हुई हिंदुओं की हत्याएं हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 18 दिसंबर को 25 साल के हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग कर दी गई थी। वहीं बुधवार देर रात अमृत मंडल उर्फ सम्राट को भी भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। इन हत्याओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर व्यापक चिंता पैदा कर दी है। बांग्लादेश में अगस्त 2024 में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार के कार्यकाल में कट्टरपंथियों का प्रभाव काफी बढ़ गया है। बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा के खिलाफ नेपाल में हिंदू अधिकार समूह राष्ट्रीय एकता अभियान ने सिरहा जिले के गोलबाजार इलाके में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ईस्ट-वेस्ट हाईवे को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं की हत्या बंद करो अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पक्की करो और मानवाधिकार का सम्मान करो जैसे नारे लगाए। मुस्लिमों ने भी हिंदुओं पर जुल्म के खिलाफ निकाली रैली शनिवार को नेपाल में मुस्लिम ग्रुप जमीयत उलेमा-ए नेपाल, बारा और परसा जिला समितियों ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्याओं के खिलाफ परसा जिले के बीरगंज में एक रैली निकाली। जमीयत उलेमा-ए नेपाल के उपाध्यक्ष मौलाना अली असगर मदनी के नेतृत्व में हुई इस रैली में मुस्लिम नेताओं और आम लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने दीपू के कातिल को फांसी देने और हिंदुओं की हत्याएं बंद करने के नारे लगाए। बांग्लादेश सरकार और मोहम्मद यूनुस मुर्दाबाद के भी नारे लगे। हिंदू-मुस्लिम एकता जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए। सिराज/ईएमएस 28दिसंबर25