क्षेत्रीय
28-Dec-2025
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- नगर के साहित्यकारों ने राम-हनुमान भक्ति से बांधा समां बिलासपुर (ईएमएस)। संस्कार भारती जिला इकाई , हनुमान महापाठ समिति एवं साईं माउली परिवार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हनुमान चालीसा अर्थ एवं प्रेरणा पर आधारित 45 चित्रों की अनुपम प्रदर्शनी के चतुर्थ दिवस नगर के साहित्यकारों ने प्रभु श्रीराम एवं रामभक्त हनुमान को समर्पित रचनाओं का भावपूर्ण पाठ किया। इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी में भक्ति, श्रद्धा और साहित्य का सुंदर संगम देखने को मिला।कार्यक्रम में डा. विनय कुमार पाठक, कुलपति थावे विद्यापीठ गोपालगंज, बिहार मुख्य अतिथि रहे। अध्यक्षता न्यायमूर्ति डा. चंद्रभूषण वाजपेई, पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ ने की।विशिष्ट अतिथि के रूप में डा. रश्मिलता मिश्रा, डॉ. अखिलेश देवरस , पंडित तारकेश्वर पुरी महाराज, एवं महंत सिद्ध शक्तिपीठ श्री गिरिजावन हनुमान मंदिर, रतनपुर उपस्थित रहे। प्रदर्शनी का हुआ अवलोकन अतिथियों के आगमन पर द्वार पर अक्षत-रोली से पारंपरिक स्वागत किया गया। इसके पश्चात उन्हें प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। चित्रों के अवलोकन के बाद अतिथियों का उपवस्त्र भेंट कर अभिनंदन किया गया, तत्पश्चात कवि गोष्ठी का विधिवत शुभारंभ हुआ। 40 कवियों की राम-हनुमान भक्ति से सजी कविताएं कवि गोष्ठी में नगर के लगभग 40 कवियों ने प्रभु श्रीराम एवं रामभक्त हनुमान पर केंद्रित कविता एवं गीत प्रस्तुत किए।प्रमुख रूप से राजेश सोनार, विश्वनाथ कश्यप, शैलेन्द्र गुप्ता, दिनेश गुप्ता, पूर्णिमा तिवारी, रेणु वाजपेई, शोभा त्रिपाठी, सनत तिवारी, ओमप्रकाश भट्ट, मनीषा भट्ट, हरबंश शुक्ला, शीतल पटनावर, सरस्वती सोनी, राकेश खरे, आभा गुप्ता सहित अन्य कवियों की प्रस्तुतियों पर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाईं। सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ ने बढ़ाया भक्तिमय वातावरण कार्यक्रम के दौरान श्री रामनोहिरा राजपूत एवं सुखेन्द्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ किया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया। हनुमान जी बल, बुद्धि और समर्पण के प्रतीक-डा. विनय पाठक मुख्य अतिथि डा. विनय कुमार पाठक ने चित्रकारों की कला साधना की सराहना करते हुए कहा कि यह चित्र प्रदर्शनी अद्वितीय है। हनुमान जी बल, बुद्धि, चेतना, परिश्रम, समर्पण, अनुशासन और विश्वास के प्रतीक हैं, और यही भाव इन चित्रों के माध्यम से जनमानस को प्रेरित कर रहा है। उन्होंने सफल आयोजन के लिए संस्कार भारती को बधाई दी। चित्रकला साधना का नगर में विशेष स्थान-न्यायमूर्ति वाजपेई अध्यक्षीय उद्बोधन में न्यायमूर्ति डा. चंद्रभूषण वाजपेई ने कहा कि आयोजन के सूत्रधार पात्रीकर की कला साधना परिचय की मोहताज नहीं है। इससे पूर्व भी उनके माध्यम से नगर में आयोजित चित्र प्रदर्शनियां अपने आप में विशिष्ट और प्रेरणादायी रही हैं।वही डा. रश्मिलता मिश्रा ने कहा कि चित्रों के माध्यम से प्रेरणा देने वाली इस प्रदर्शनी की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। नगर के सभी वर्गों के लोगों को इसका अवलोकन कर प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर डॉ. अखिलेश देवरस ने भी अपने सकारात्मक विचार व्यक्त किए। ये लोग रहे उपस्थित चतुर्थ दिवस के आयोजन में अरुण कुमार यदु, राजन पथे, विनय खानखोजे, सचिन पराते, वैशाली पराते, शिरीष राचेलवार, प्रबोध राव, विवेक कलसकर, मधुकर रुद्रकार, अरुण अग्रवाल, अखिलेश रजक आचार्य, अनिरुद्ध वर्तक, संजय वर्तक, वर्षा राचेलवार, नीलिमा वेलनकर, वीणा अग्रवाल, मंजरी खर्ड़ेनवीस, ऊषा पाण्डेय, रीता पांडे, छाया फाये सहित सागर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. भवतोष इन्द्रगुरु एवं डॉ. निशा इन्द्रगुरु विशेष रूप से उपस्थित रहे। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 28 दिसंबर 2025