अंतर्राष्ट्रीय
29-Dec-2025
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-एनसीपी और जमात-ए-इस्लामी के बीच गठबंधन का कर रहे हैं विरोध ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश में हुई क्रांति को लीड करने वाले छात्रों के संगठन नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) से चुनाव से ठीक पहले इस्तीफे देना शुरु हो रहे हैं। इसमें एक नाम सामने आया है जो महफूज आलम का है। जुलाई आंदोलन के गुरु कहे जाने वाले मुख्य नेता महफूज आलम ने अपने चेलों से दूरी बना ली है। महफूज आलम एनसीपी और जमात-ए-इस्लामी के बीच चुनावी गठबंधन का विरोध कर रहे थे। बांग्लादेश में 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव होने वाले हैं, लेकिन एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन के लिए आतुर थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक पोस्ट में आलम ने इस एनसीपी का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है। इसके बाद इसके 30 सीनियर नेताओं ने एक मेमोरेंडम पर साइन करके इस कदम के खिलाफ अपना रुख जताया और दो बड़े नेताओं ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। महफूज आलम ने पोस्ट में लिखा- मौजूदा हालात में जुलाई के मेरे साथियों के लिए मेरा सम्मान, स्नेह और दोस्ती खत्म नहीं होगी, लेकिन मैं इस एनसीपी का हिस्सा नहीं बन रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है कि मुझे जमात-एनसीपी गठबंधन से कोई प्रस्ताव मिला था, लेकिन मेरे लिए किसी भी ढाका निर्वाचन क्षेत्र से जमात-एनसीपी गठबंधन में उम्मीदवार बनने से ज़्यादा जरूरी मेरी पुरानी स्थिति बनाए रखना जरुरी है। आलम का शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश के प्रशासक मोहम्मद यूनुस ने पिछले साल अमेरिका में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से महफूज आलम को मिलवाया था, और उन्हें साफ तौर पर जुलाई 2024 में हुई पूरी क्रांति के पीछे का दिमाग बताया था। महफूज आलम उनका यह पोस्ट एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम के उस ऐलान के कुछ घंटे बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव से पहले व्यापक राजनीतिक एकता के लिए उन्होंने जमात-ए-इस्लामी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गए हैं। हालांकि लगातार इस्तीफों के बाद नाहिद इस्लाम ने कहा कि इस कदम का मतलब जमात के साथ कोई वैचारिक तालमेल नहीं है। रविवार रात एनसीपी ऑफिस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाहिद ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात में एनसीपी के लिए अकेले चुनाव लड़ना मुमकिन नहीं है। इसीलिए हमने आठ हमख्याल पार्टियों के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है। नाहिद इस्लाम ने कहा कि यह कोई वैचारिक गठबंधन नहीं है, यह एक चुनावी समझौता है। एनसीपी अपने लक्ष्यों और सिद्धांतों का पालन करती रहेगी। अभी हमारा ध्यान चुनावी सहयोग पर है। उन्होंने कहा कि जमात के साथ एनसीपी का गठबंधन पार्टी की एग्जीक्यूटिव बॉडी में बहुमत से तय हुआ है। उसने जमात के साथ चुनावी समझौते को लेकर एनसीपी में किसी भी फूट से इनकार किया है। नाहिद इस्लाम का दावा है कि सेंट्रल कमेटी, ग्रासरूट्स और सहयोगी संगठन गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं। असहमति जताने वाली आवाज़ों को आपत्ति करने या वीटो करने का अधिकार है। वहीं इस गठबंधन का विरोध करने वाले एनसीपी नेताओं का तर्क है कि जमात का राजनीतिक इतिहास विवादित रहा है। एनसीपी के इन नेताओं ने बांग्लादेश की आज़ादी के खिलाफ जमात की भूमिका और 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान नरसंहार और अपराधों में कथित मिलीभगत का ज़िक्र किया है, और इसे बांग्लादेश की लोकतांत्रिक भावना और एनसीपी के मूल मूल्यों के साथ पूरी तरह से असंगत बताया है। सिराज/ईएमएस 29दिसंबर25