नई दिल्ली,(ईएमएस)। अगले साल से एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरुरत नहीं होगी। दरअसल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नए साल से कैमरा आधारित टोलिंग सिस्टम लागू करेगा, जिसके तहत चलते वाहन से ही टोल शुल्क वसूला जाएगा। सड़क मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस नई व्यवस्था की शुरुआत पहले उन एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे से की जाएगी, जहां ट्रैफिक ज्यादा रहता है, या जहां टोल प्लाजा आपस में काफी नजदीक बने हैं। फिलहाल देश में करीब 1.5 लाख किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क में से करीब 45 हजार किलोमीटर पर टोल वसूला जा रहा है। देशभर में 1000 से ज्यादा टोल प्लाजा मौजूद हैं। इसमें से कई टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है, जिससे यात्रियों को काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। खासतौर पर पीक आवर्स और त्यौहारों के दौरान टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति बनाती है। इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए मंत्रालय कैमरा बेस्ड टोलिंग सिस्टम शुरू करने जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मंत्रालय की योजना के तहत धीरे-धीरे पारंपरिक टोल बैरियर हटाए जाएंगे और उनकी जगह ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन यानी एएनपीआर तकनीक को लागू किया जाएगा। इस तकनीक में हाई-रेजोल्यूशन कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट को पढ़ते हैं और इसी के तहत टोल की गणना की जाती है। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की टोलिंग व्यवस्था कई देशों में पहले से लागू है और इसके नतीजे काफी प्रभावी रहे हैं, इसलिए भारत में भी इस व्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के लागू होने के बाद टोल चुकाने के लिए वाहन को धीमा करने या रोकने की जरूरत नहीं होगी। जैसे ही वाहन कैमरे के दायरे से गुजरेगा, उसकी नंबर प्लेट की तस्वीर ली जाएगी। चूंकि वाहन की नंबर प्लेट फास्टैग से जुड़ी होती है, इसलिए टोल की राशि अपने आप खाते से कट जाएगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर इसी तरह की व्यवस्था पहले से लागू है, जहां बिना रुके टोल वसूली हो रही है। कैमरा आधारित टोलिंग सिस्टम की शुरुआत सबसे पहले उन टोल प्लाजा से की जाएगी, जहां ट्रैफिक का दबाव ज्यादा रहता है और टोल कनेक्शन अधिक हैं। इसके अलावा, जिन नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा बहुत पास-पास बने हैं, वहां इसतरह के प्लाजा हटाने की भी योजना है, ताकि वाहन चालकों को बार-बार रुकना न पड़े। मंत्रालय का मानना है कि इस नई व्यवस्था से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि जाम और ईंधन की खपत भी कम होगी। आशीष दुबे / 29 दिसंबर 2025