राज्य
29-Dec-2025
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8 नए आयुर्वेद महाविद्यालयों की स्वीकृति और 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का संचालन प्रारंभ देश में 55 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, शिक्षा में गुणात्मक सुधार का नया अध्याय भोपाल(ईएमएस)। उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने सोमवार को भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में दो वर्षों की विभागीय उपलब्धियों एवं आगामी कार्ययोजनाओं को लेकर रोउ मैप पेश किया। मंत्री परमार ने उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष विभाग के दो वर्षों की उपलब्धियां एवं आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना साझा की। उच्च शिक्षा,तकनीकी शिक्षा एवं आयुष विभाग की प्रमुख उपलब्धियां और नवाचार उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा है कि उच्च शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (नेप) के अनुरूप उच्च शिक्षा को गुणात्मक, बहुविषयक, रोजगारोन्मुखी और समावेशी बनाने के लिए विभाग निरंतर कार्य कर रहा है। मध्यपदेश का तकनीकी शिक्षा विभाग प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। विकास और सेवा के 2 वर्ष के अंतर्गत विभाग ने शिक्षा की गुणवत्ता, नवाचार और उद्योगोन्मुख पाठ्यक्रमों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। वही आयुष विभाग नेविकास और सेवा के 2 वर्ष के अंतर्गत विभाग ने स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और शिक्षा के विस्तार में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। मंत्री परमार ने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक, कुल 55 महाविद्यालयों को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में उन्नत किया गया है । इसके लिए रू 336 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है और 1845 नवीन पद सृजित किए गए हैं। मंत्री परमार ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए लोक सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2022 में 2053 पदों पर भर्ती की गई और वर्तमान में 2197 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। परमार ने कहा कि आने वाले समय में सकल नामांकन अनुपात (GER) को वर्तमान 28.9 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश अब शिक्षा के क्षेत्र में केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रहकर अनुभव, अनुसंधान और व्यावहारिक ज्ञान के पथ पर अग्रसर है। मंत्री परमार ने बताया कि आगामी वर्षों में तकनीकी शिक्षा विभाग रढ्ढ, ड्रोन तकनीक जैसे नवीनतम पाठ्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करेगा। प्रदेश के सभी शासकीय तकनीकी संस्थानों में एक समर्पित डिजिटल सेलÓ का गठन किया जाएगा और विद्यार्थियों की उपस्थिति सार्थक ऐप के माध्यम से रियल-टाइम सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, सिंगरौली में रू76.56 करोड़ की लागत से खनन प्रौद्योगिकी महाविद्यालय का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। परमार ने कहा कि तकनीकी शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन और कौशल विकास को प्राथमिकता देते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मध्यप्रदेश के लिए यह गर्व का विषय है कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU), गांधीनगर का परिसर अब भोपाल स्थित क्रत्रक्कङ्क में स्थापित हो चुका है, जहाँ सत्र 2025-26 से प्रवेश भी प्रारंभ हो गए हैं। साथ ही, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के 50 मेधावी विद्यार्थियों को IIT इंदौर और 50 छात्राओं को MANITभोपाल में अध्ययन की विशेष सुविधा प्रदान की गई है । मंत्री परमार ने बताया कि आयुष शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 8 नए आयुर्वेद महाविद्यालयों की स्थापना को स्वीकृति दी गई है। इनमें वर्ष 2024-25 में नर्मदापुरम, मुरैना, शहडोल, बालाघाट, सागर और वर्ष 2025-26 में झाबुआ, शुजालपुर एवं डिंडोरी शामिल हैं। इस विस्तार से प्रदेश में आयुष महाविद्यालयों की कुल सं या 17 हो जाएगी। पन्ना, गुना, भिण्ड, श्योपुर, शुजालपुर और खण्डवा में 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों के भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही, प्रदेश भर में 800 आयुष आरोग्य मंदिरों का सफल संचालन प्रारंभ किया गया है। मंत्री परमार ने बताया कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से 543 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों, 35 हो योपैथी और 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारियों सहित विशेषज्ञों के नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। नवीन महाविद्यालयों और चिकित्सालयों के लिए लगभग 2700 से अधिक नए पदों का सृजन किया गया है।आयुष आपके द्वार योजना के तहत 30 जिलों के जनजातीय क्षेत्रों में 25,993 सिकल सेल एनीमिया ग्रसित व्यक्तियों को घर-घर जाकर आयुर्वेद परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मंत्री परमार ने बताया कि उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ((AIIA)) की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे खजुराहो, उज्जैन और पचमढ़ी सहित 12 स्थानों पर आयुष हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। ई-हॉस्पिटल और ई-औषधि प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से सभी आयुष संस्थाओं में लागू किया जाएगा ताकि दवाओं की आपूर्ति और मरीजों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो सके। मंत्री परमार ने कहा कि समस्त आयुष महाविद्यालयों की स्नातक क्षमता को 100 सीटों तक बढ़ाया जाएगा और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। श्री परमार ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि भारत में आयुर्वेद और योग की समृद्ध प्राचीन परंपरा है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता जनसामान्य को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। आगामी तीन वर्षों में हमारा ध्यान अवसंरचना विकास, वेलनेस टूरिज्म और डिजिटल ई-गवर्नेस के माध्यम से आयुष सेवाओं के आधुनिकीकरण पर रहेगा। आशीष पाराशर, 29 दिसम्बर, 2025