बिहार में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। इसे नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।मुंगेर के हवेली खड़गपुर में बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार और अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था ऑर्डर कुंदन कृष्णन के सामने तीन इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है।मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर स्थित एक कॉलेज मैदान में आयोजित समर्पण समारोह में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के तीन सक्रिय नक्सलियों ने बिहार पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने वालों में दो नक्सली ऐसे हैं जिन पर सरकार ने 3-3 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। बिहार पुलिस के महानिदेशक विनय कुमार की मौजूदगी में तीन नक्सलियों नारायण कोड़ा, बहादुर कोड़ा और विनोद कोड़ा ने हथियार डाल दिए। नारायण कोडा: यह पीएलजीए का जोनल कमांडर था। बिहार सरकार ने इसकी गिरफ्तारी पर 3 लाख रुपये का इनाम रखा था। इसके खिलाफ मुंगेर, लखीसराय और जमुई में लगभग दो दर्जन मामले दर्ज हैं। बहादुर कोडा: पीएलजीए के सब-जोनल कमांडर के पद पर सक्रिय था। इस पर भी 3 लाख रुपये का सरकारी इनाम था। इस पर भी दो दर्जन के करीब संगीन मामले दर्ज हैं। विनोद कोडा: यह सशस्त्र दस्ते का सदस्य है। इसके खिलाफ लखीसराय जिले में तीन मामले दर्ज हैं। जमुई का कुछ हिस्सा झारखंड से लगता है। ऐसे में ये तीनों नक्सली बिहार में वारदात के बाद झारखंड भाग जाते थे। जब झारखंड में कुछ होता था तो बिहार चले आते थे। बिहार पुलिस के आधिकारिक बयान के अनुसार, आत्मसमर्पण के दौरान, नक्सलियों ने बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी सौंपे, जिसमें दो 5.56 एमएम इनसास राइफलें, चार 7.62 एम एम एस एल आर राइफलें, 150 राउंड 5.56 एम एम जिंदा कारतूस, 353 राउंड 7.62 एम एम जिंदा कारतूस, और बम/बम डेटोनेटर के साथ-साथ अन्य सामान शामिल हैं। सरकार की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास नीति के तहत इन नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। बिहार पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार- प्रत्येक को 2.5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। साथ ही इनामी नक्सलियों के परिवार को 3 लाख रुपये की इनामी राशि मिलेगी। बिहार पुलिस के मुताबकि, रोजगारपरक प्रशिक्षण के लिए 36 महीनों तक 10,000 रुपये प्रति माह (कुल 3.6 लाख रुपये) भी दिए जाएंगे। वहीं सरेंडर के दौरान जो हथियार नकस्लियों ने दिए हैं, उनके बदले में 1.11 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भी उन्हें दी जाएगी। इसके अलावा सरेंडर करने वाले नकस्लियों को आवास, राशन, आयुष्मान स्वास्थ्य योजना, शिक्षा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की जो समस्या थी भारत में, उसमें प्रत्येक राज्य ने काफी तेजी से उपलब्धियां हासिल की हैं। जिन इलाकों में वामपंथी उग्रवाद की काफी गंभीर समस्या थी, उन इलाकों में काफी सारे इलाके से उग्रवाद समाप्त हुए हैं। बिहार पहला राज्य है जहां पर बड़ी तेजी से नक्सलवाद खत्म हुआ।बिहार में 2005 के बाद से ही पटना, जहानाबाद, अरवल वगैरह जिला पूरी तरीके से नक्सल मुक्त हो गए।धीरे-धीरे हम लोगों ने जो 23 जिले हमारे अति उग्रवाद प्रभावित थे, वो शून्य हो गए। अभी 4 जिले मात्र हैं, जो ‘लीगेसी एंड थ्रस्ट’ जिले हैं। मतलब वो उग्रवाद प्रभावित नहीं है, लेकिन हम लोग निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो उग्रवाद प्रभावित इलाके थे, उनमें विकास की परियोजनाओं का इतना विकास हुआ है कि नक्सलवाद खत्म हो गया। वहां पर आप अभी जाएंगे, तो वहां एक से एक विकास की परियोजनाएं हैं।वहां सड़क, एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे वगैरह की स्थापना हुई है।स्किल डेवलपमेंट किया गया है, स्कूल-कॉलेज स्थापित हुए हैं। तो विकास की परियोजनाओं को इस प्रकार से वहां पर लाया गया है कि वहां के जो युवा वर्ग हैं, जो उग्रवाद की ओर उन्मुख हो गए थे, वे मुख्यधारा में आ गए हैं।पंचायती राज संस्थाओं से युवा जुड़े हैं और क्षेत्र के विकास में काफी रुचि ले रहे हैं। पुलिस महानिदेशक के अनुसार मुंगेर के हवेली खड़गपुर भीमबांध का जो क्षेत्र था, खड़गपुर हिल्स का क्षेत्र था, यहां 2007 में यहां पर पूरी केंद्रीय कमेटी आई थी और इनका कांग्रेस (अधिवेशन) हुआ था. तो यह इलाका भी काफी प्रभावित था, यहां पर कई गंभीर घटनाएं भी हुई थीं।तो यह इलाका भी अब पूर्ण रूप से कहें कि एकदम ही नगण्य एक-दो लोग बच गए हैं और सभी जो सक्रिय सदस्य थे उग्रवाद संगठन के, उन सभी या तो गिरफ्तार हुए हैं, आत्मसमर्पण हुए हैं और पूरा इलाका यह क्लियर हो चुका है।अब क्लियर होने के बाद हमारा सबसे बड़ा यह उद्देश्य है कि उस इलाके को विकसित कराया जाए।” विनय कुमार ने कहा कि विभिन्न प्रकार की योजनाओं से, पर्यटन की योजनाएं हों, विकास की योजनाएं हों, इनसे उस इलाके को इस प्रकार से सैचुरेट किया जाए कि वहां के लोग समझें कि सरकार की जबरदस्त वहां उपस्थिति है, प्रशासन की जबरदस्त उपस्थिति है. किसी प्रकार की शून्यता नहीं है, कोई वैक्यूम नहीं है. आज की तिथि में इतनी योजनाएं हैं, इतनी सारी योजनाएं हैं, तो उन योजनाओं को सफलतापूर्वक वहां पर कार्यान्वित किया जाएगा और इलाके को पूरी तरीके से विकास से जोड़ा जाएगा।काफी वहां पर चंद वर्षों में ही आपको दिखेगा कि पूरा खड़गपुर इलाका जो है, वह पर्यटन और हर दृष्टिकोण से काफी विकसित होगा। वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सबको मुख्य धारा में आना चाहिए। बिहार के विकास में एक-एक व्यक्ति की ज़रूरत है और हमारा जो पैकेज है, उनको सहयोग भी किया गया। (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 30 दिसम्बर /2025