-बैंक खाते का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में होने का दिया झांसा, सीबीआई जांच की दी धमकी मुंबई,(ईएमएस)। मुंबई में एक बुजुर्ग महिला से 3.71 करोड़ की ठग लिए। आरोपियों आरोपियों ने खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों का कर्मचारी बताया। इन लोगों ने नकली ऑनलाइन कोर्ट सुनवाई भी की, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को पूर्व सीजेआई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बताया था। इस मामले में साइबर पुलिस ने एक आरोपी को सूरत से गिरफ्तार किया है। आरोपी के खाते में 1.71 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए थे। उसने यह खाता फर्जी कपड़ा कंपनी के नाम पर खुलवाया था। इसके बदले उसे 6.40 लाख रुपए कमीशन मिला। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महिला मुंबई के अंधेरी वेस्ट में रहती है। महिला पर धोखेबाज लगातार नजर रख रहे थे। 18 अगस्त को महिला को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को कोलाबा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताया। साथ ही कहा कि उसके बैंक खाते का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है। फिर धमकाया कि किसी को कुछ बताया तो कार्रवाई होगी। इसके बाद महिला से बैंक डिटेल्स मांगी गईं और कहा कि अब सीबीआई जांच करेगी। आरोपी ने महिला से उसके जीवन पर दो से तीन पेज का निबंध भी लिखवाया। फिर महिला से कहा कि उसे उसकी बेगुनाही पर यकीन हो गया है और वह यह तय करेगा कि उसे जमानत मिल जाए। एक आरोपी ने अपना नाम एसके जायसवाल बताया। उसने वीडियो कॉल पर महिला को एक व्यक्ति से मिलवाया, जिसने खुद को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस चंद्रचूड़ बताया। उसने महिला से निवेश से जुड़े दस्तावेज मांगे। महिला ने दो महीने में करीब पौने चार करोड़ रुपए खातों में ट्रांसफर कर दिए। कॉल न आने पर महिला को ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद महिला ने वेस्ट रीजन साइबर पुलिस से संपर्क किया। फिर मामला दर्ज हुआ। जांच में पता चला कि उसका पैसा कई म्यूल खातों में ट्रांसफर किया गया था, जिनमें से एक का पता गुजरात के सूरत में चला। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आरोपी ने रैकेट के दो मास्टरमाइंड के बारे में जानकारी दी, जो अभी विदेश में हैं। उनमें से एक का इमिग्रेशन और वीजा सर्विस का बिजनेस है। बता दें म्यूल अकाउंट ऐसा बैंक खाता होता है जिसका इस्तेमाल अपराधी किसी व्यक्ति की जानकारी के साथ या उसके बिना अवैध रूप से धन प्राप्त करने, ट्रांसफर करने या लॉन्ड्रिंग करने के लिए करते हैं। 1 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डिजिटल अरेस्ट मामले में पूरे भारत में एक साथ जांच करने को कहा था। कोर्ट ने सभी राज्यों से दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत सीबीआई को जांच करने के लिए सहमति देने को भी कहा है। सिराज/ईएमएस 30दिसंबर25