क्षेत्रीय
30-Dec-2025
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- मप्र में पंचायतों में होगा ऑडिट, दूसरे विभागों की मुफ्तखोरी पर सख्ती भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश की पंचायतों में ऐसे हजारों बिजली कनेक्शन लगे हैं जिनका उपयोग तो अन्य विभाग या संस्थाएं कर रहे है, लेकिन भुगतान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग कर रहा है। इसलिए अब पंचायत विभाग बिजली उपयोग का ऑडिट कराएगा। ऐसे बिजली मीटर उन संस्थाओं के नाम पर कराए जाएंगे जिनका उपयोग पंचायत नहीं कर रही बल्कि दूसरे विभाग कर रहे है। वहीं अब पंचायतों को खुद अपने बिल जमा करना होगा, राज्य स्तर पर बिलों का भुगतान नहीं किया जाएगा। मध्य प्रदेश में ग्राम पंचायतों में विभिन्न प्रयोजनों के लिए विद्युत कनेक्शन लिए गए है, लेकिन समय पर इनका भुगतान नहीं हो रहा है। पंचायतें शासन स्तर पर भुगतान की मांग करती है। पंचायतों में नलजल योजनाओं, स्ट्रीट लाईट, पंचायत कार्यालय, सामुदायिक भवन, मांगलिक भवन, आजीविका भवन, गौशालाओं, आंगनबाड़ी भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक पशु चिकित्सालय, वृद्ध आश्रम, हाट बाजार, कांजी हाउस, पर्यटन स्थल, सामुदायिक स्वच्छता परिसर, एतिहासिक प्रदर्शनी, मेले के लिए बिजली कनेक्शन लिए जाते है। सरपंच-सचिव की जिम्मेदारी होगी तय विद्युत शुल्क के भुगतान के लिए पंचायतें स्वयं की आय अथवा पांचवें राज्य वित्त आयोग अनुदान से भुगतान कर सकती है। लेकिन ग्राम पंचायतें पर्याप्त राशि उपलब्ध होंने के बाद भी बिजली बिलों का भुगतान नहीं करती है, तो दायित्व संबंधित जिम्मेदारों सरपंच सचिव पर निर्धारित किया जाएगा। भविष्य में ग्राम पंचायतों द्वारा विद्युत बिल नियमित नहीं दिए जाने से अधिभार बढ़ रहा है। प्रतिमाह बिल में अधिभार अधिरोपित होंने से बकाया राशि में भारी वृद्धि हो रही है। बिल न भरने से कनेक्शन कट जाएगा कनेक्शन पंचायत राज संचालनालय द्वारा प्रावधानित पांच वे वित्त आयोग की राशि से विद्युत कंपनी को एक मुश्त बकाया भुगतान करने से पंचायतों के विकास कार्यों के लिए अनुदान में कटौती हो रही है। साथ ही संचालनालय द्वारा एकमुश्त भुगतान करने पर प्रत्येक कनेक्शन के विरुद्ध समायोजन करने में समय लगने से पुन: विलंब शुल्क देय होता है। यही हाल कनेक्शनों को विच्छेद के लिए पंचायत द्वारा समय पर निर्णय नहीं लिए जाने को लेकर है। ऐसे में अनुपयोगी कनेक्शनों को हटाने के संबंध में कार्रवाई करना जरुरी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने निर्णय लिया है कि वित्तीय वर्ष 24-25 के बाद राज्य स्तर से ग्राम पंचायतों के विद्युत बिलों की राशि का एकमुश्त भुगतान सीधे विद्युत कंपनियों को नहीं किया जाएगा। ऐसे में पंचायतों को खुद अपना बिजली बिल भरना होगा वर्ना कनेक्शन कट जाएगा। वहीं बिजली कंपनियां स्मार्ट मीटर लगाएंगी और सभी कनेक्शन प्रीपेड होंगे। आय बढ़ाने पंचायत करें प्रयास जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक घर में नल-जल कनेक्शन स्थापित किये जा रहे है। ग्राम पंचायतों से यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक परिवार हर माह एक से पांच तारीख के बीच जल शुल्क के बिल की राशि जमा कराने की प्रक्रिया का पालन कराए। पंचायतों को स्वयं की आय बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास करना होगा ताकि विकास कार्यो हेतु प्रदाय अनुदान राशि का प्रभावी उपयोग हो और आत्मनिर्भर पंचायतों की अवधारणा को सुदृढ़ किया जा सके। वहीं जल कर, सम्पत्ति कर और अन्य आय के स्रोत बढ़ाने के संबंध में नियमित प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन कर काम किया जाए। विनोद / 30 दिसम्बर 25