ज़रा हटके
31-Dec-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। आज के दौर में स्वस्थ जीवनशैली अपनाना किसी शौक या विलासिता की बात नहीं रह गई है, बल्कि यह समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है। तेज रफ्तार जिंदगी, अनियमित खानपान और लगातार बढ़ता मानसिक दबाव धीरे-धीरे शरीर को भीतर से कमजोर कर देता है। अधिकतर लोग तब सचेत होते हैं, जब बीमारी सामने आ जाती है, जबकि सच्चाई यह है कि ज्यादातर बीमारियां सालों तक चली गलत आदतों का ही नतीजा होती हैं। अगर समय रहते जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव कर लिए जाएं, तो कई गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत रोजमर्रा की आदतों से होती है। देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना और दिनभर शारीरिक गतिविधि की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती है। इसका असर धीरे-धीरे वजन बढ़ने, थकान और पाचन संबंधी समस्याओं के रूप में सामने आता है। इसके विपरीत, अगर सुबह कुछ समय धूप में टहल लिया जाए और दिन की शुरुआत हल्के व पौष्टिक नाश्ते से की जाए, तो शरीर ज्यादा सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करता है। यही छोटी आदतें आगे चलकर हृदय रोग, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियों से बचाव में अहम भूमिका निभाती हैं। सही खानपान अच्छी सेहत की सबसे मजबूत नींव माना जाता है। आज के समय में प्रोसेस्ड और जंक फूड का बढ़ता चलन शरीर में सूजन, हार्मोनल असंतुलन और लगातार थकान का कारण बन रहा है। ज्यादा नमक, चीनी और रिफाइंड आटे का सेवन धीरे-धीरे शरीर की कार्यक्षमता को कम कर देता है। इसके स्थान पर मौसमी फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और पर्याप्त प्रोटीन को भोजन में शामिल करना जरूरी है। साथ ही दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालने के लिए बेहद आवश्यक है। स्वस्थ जीवनशैली अब केवल बड़ों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि बच्चों के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो गई है। मोबाइल और अन्य स्क्रीन पर अधिक समय बिताने और गलत खानपान की वजह से बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। यह समस्या आगे चलकर डायबिटीज, हार्मोनल असंतुलन और आत्मविश्वास की कमी जैसी दिक्कतों को जन्म दे सकती है। समय रहते बच्चों में सही खानपान और सक्रिय जीवनशैली की आदतें डालकर इस खतरे को काफी हद तक रोका जा सकता है। नींद भी स्वस्थ जीवनशैली का एक मजबूत स्तंभ है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। देर रात तक मोबाइल चलाना और कम सोना शरीर की रिकवरी प्रक्रिया को प्रभावित करता है। रोजाना 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लेने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और दिमाग बेहतर ढंग से काम करता है। मानसिक स्वास्थ्य का भी शारीरिक स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। लगातार तनाव, चिंता और तुलना की भावना शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ा देती है। दिन में कुछ समय खुद के लिए निकालना, गहरी सांसों का अभ्यास करना और सोशल मीडिया से थोड़ी दूरी बनाना मन को शांत रखने में मदद करता है। अच्छी बात यह है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए बहुत सख्त डाइट या भारी एक्सरसाइज की जरूरत नहीं होती। निरंतरता ही सबसे बड़ा मंत्र है। रोज थोड़ा चलना, संतुलित भोजन करना, समय पर सोना और अपने मन की सुनना ही सेहतमंद जीवन की असली कुंजी है। सेहत पर किया गया हर छोटा प्रयास भविष्य में बड़ी बीमारियों से बचाव का मजबूत आधार बन सकता है। डेविड/ईएमएस 31 दिसंबर 2025