31-Dec-2025
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मथुरा (ईएमएस)। नए साल के पहले दिन लोगों की धार्मिक आस्था के साथ-साथ नए संकल्पों पर भी ध्यान जाता है। इस मौके पर वृंदावन के प्रसिद्ध धर्मगुरु प्रेमानंद महाराज जी ने नव वर्ष के मौके पर कुछ महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि नया साल केवल जश्न मनाने या पार्टियों का समय नहीं है, बल्कि यह अपने जीवन को सुधारने, बुरे कर्म छोड़ने और अच्छे कर्म अपनाने का मौका है। प्रेमानंद महाराज ने कहा कि शराब पीना, मांस खाना, हिंसा करना और व्यभिचार करने से जीवन में दुख और पाप बढ़ते हैं। कुछ लोग नए साल के उत्साह में इन चीजों का आनंद लेते हैं, लेकिन यह असली खुशी नहीं है। असली प्रसन्नता भगवान की भक्ति और अच्छे कर्मों से मिलती है। उन्होंने नए साल पर अपनाने योग्य कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए। इसमें शराब और मांस का त्याग करना, क्रोध, चोरी और हिंसा से दूर रहना, नाम जप और भगवान की भक्ति करना, परोपकार और दान करना शामिल है। यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन करता है, तब उसका जीवन सुख-शांति और खुशहाली से भरा होगा। प्रेमानंद महाराज ने बताया कि केवल व्यक्तिगत सुधार ही नहीं, बल्कि समाज और बच्चों के लिए भी बुराइयों से दूर रहना आवश्यक है। जो लोग पाप और बुरे कर्मों में लिप्त रहते हैं, उन्हें जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, मनुष्य जीवन मिला है, राक्षस नहीं। राक्षसी कर्म मत करो और परमात्मा की कृपा पाओ। अंत में प्रेमानंद की महाराज ने सभी से आग्रह किया कि नव वर्ष पर अच्छे संकल्प लें, बुराइयों का त्याग करें और धर्म, भक्ति व परोपकार को अपनाएं। इस प्रकार नव वर्ष मंगलमय होगा और सभी पर भगवान की कृपा बनी रहेगी। आशीष दुबे 31 दिसंबर 2025