अंतर्राष्ट्रीय
26-May-2023
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-डायनासोर रहा होगा 30 मीटर लंबा, 50 टन वजनी ब्यूनस आयर्स (ईएमएस)। एक लंबी गर्दन वाले डायनासोर के जीवाश्म की खोज अर्जेंटीना में एक जीवाश्म विज्ञानी ने की है।अर्जेंटीना के दक्षिण पेंटागोनिया क्षेत्र में लंबी गर्दन वाले शाकाहारी डायनासोर की एक विशाल नई प्रजाति की खोज सामने आई है। बताया जा रहा है कि यह अब तक की सबसे बड़ी प्रजाति है जिसकी खोज हुई है। यह प्यूबलो ब्लेंको नेचर रिजर्व में पाया गया है। इस जीवाश्म की खोज 2018 में की गई थी। इस डायनासोर की हड्डियों के बड़े होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे ले जाने वाली वैन तक पलट गई थी, अच्छी बात यह है कि इस दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ था और जीवाश्म भी सुरक्षित रहा। जीवाश्म विज्ञानी निकोलस चिमेंटो ने कहा कि वैज्ञानिकों ने इस डायनासोर का नाम ‘चुकारोसॉरस डिरिपिएन्डा’ रखने का फैसला लिया है। जिसका मतलब होता है, सख्त उबला और तला हुआ, क्योंकि इसने गोल घुमाकर खुद को दुर्घटना से बचाया था। रियो नेग्रो प्रांत के पहाड़ों में पाए गए डायनासोर चुकारोसॉरस को अब तक का सबसे बड़ा डायनासोर बताया जा रहा है, जिसकी लंबाई करीब 30 मीटर और वजन 50 टन के करीब है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह क्रिटेशस पीरियड (कल्प, धरती के मध्यजीवी कल्प यानी जियोलॉजिकल पीरियड का वह काल, जो लगभग 14.4 करोड़ वर्ष पहले शुरू हुआ और 6.5 करोड़ वर्ष पूर्व तक रहा। इसके पहले जुरैसिक काल था और क्रिटेशस काल के अंत के साथ ही मध्यजीवी काल भी खत्म हो गया था) के उत्तार्ध में दूसरे शिकारी जानवरों, मछलियों और समुद्री कछुओं के साथ रहा होगा। चुकारोसॉरस की फीमर बोन यानी जांघ की हड्डी करीब 1.90 मीटर लंबी थी जो तीन टुकड़ों में थी। प्रत्येक टुकड़े का वजन करीब 100 किलो था, जिसे उठाने में कम से कम तीन लोगों की जरूरत पड़ी थी। दुनिया के सबसे बड़े शाकाहारी डायनासोर जैसे विशाल पेटागोटिटन मेयोरम जो वैज्ञानिकों का इससे पहले खोजा गया सबसे बड़ा डायनासोर था, वह भी यहीं पाया गया था। हालांकि वैज्ञानिकों को इस बात का जवाब नहीं मिल पाया है कि यह जीव यहां पर इतनी तेजी से क्यों बड़े और कुछ मामलों में तो जीवन भर उनका बढ़ना रुका ही नहीं। जीवाश्म विज्ञानी मेटियस मोट्टा का कहना है कि चुकारोसॉरस जो एक साओरोपोड प्रजाति है, आकार और वजन के मामले में दूसरे पेटोगोटियन को टक्कर देता है। इसके कूल्हे, अग्रभाग और पश्चपाद (हिंडलिंब) बताते हैं कि यह सुडौल और सुंदर रहा होगा। चीन और अमेरिका के बाद तीसरे नंबर पर अर्जेंटीना वह देश है जहां डायनासोर की 140 प्रजातियों की खोज और इन पर शोध की गई है। नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी की मदद के साथ अज़ारा फाउंडेशन एवं नेशनल रिसर्च काउंसिल कॉनसेट और बर्नार्दिनो रिवादाविया म्यूजियम ऑफ नेशनल साइंस के शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन किया है। बता दें कि डायनासोर को लेकर मानव उत्सुकता हमेशा से रही है। वैज्ञानिक हमेशा यह जानने में लगे रहते हैं कि आखिर डायनासोर की जिंदगी किस तरह की थी। दरअसल डायनासोर के बारे में जानकर मानव विज्ञान की कड़ियों को जोड़ने में आसानी होती है। साथ ही धरती पर इतने विशालकाय जीवों का रहना ही हमें हैरत में डालता रहा है, जिस पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है। सुदामा/ईएमएस 26 मई 2023