-परिजन की मृत्यु के बाद एहसास हुआ तो इस रहस्य को किया उजागर कैलिफोर्निया (ईएमएस)। जीवन और मरण दो ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें आज तक कोई भी नहीं सुलझा पाया है। लेकिन एक महिला ने मृत लोगों से बात करने का दावा जरुर किया है। इसमें कितनी सच्चाई है, इससे इत्तफाक नहीं है, लेकिन गीता में कहा गया है कि आत्मा अजर अमर है। आत्मा न मरती है और न ही खत्म होती है। मृत्यु के बाद वह दूसरा शरीर धारण कर लेती है। इसे लेकर वैज्ञानिकों में मतभेद है। कुछ साल पहले जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कॉस्मोलजिस्ट डॉक्टर सीन कैरोल ने कहा था कि आत्मा जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर किसी इंसान की मृत्यु हो जाए तो उसकी चेतना इस ब्रह्मांड में नहीं रह सकती। इसलिए आत्मा अजर अमर है, यह कांसेप्ट ही समझ से परे है। लेकिन मरने के बाद आत्माएं कहां जाती हैं, यह रहस्य उजागर करते हुए एक महिला ने दावा किया है कि उसे सब पता है। वह रोजाना मृत लोगों से बात करती है, जो बताते हैं कि मरने के बाद आत्माएं कहां जाती हैं। कैलिफोर्निया की रहने वाली एमिली डेक्सटर की बात मानें तो जब इंसान गुजर जाता है, तो सभी एक खास जगह जाते हैं। इस दिन को मैं प्यार से आध्यात्मिक स्पा डे कहती हूं। हमारी आत्मा एक या 2 हफ्ते तक अपने मृत प्रियजनों के साथ घूमती रहती है। फिर आत्मा को एक ऐसी जगह ले जाया जाता है, जहां उसे काफी कष्ट झेलने पड़ते हैं। यह समय आपके कर्म के हिसाब से एक हफ्ते, एक साल या 5 साल कुछ भी हो सकती है। डेक्सटर ने कहा, कष्ट झेलने के बाद आत्मा एक नई राह पर चलने लगती है। हम फिर अपने प्रियजनों के करीब आते हैं। इस बीच अगर कोई आपके परिवार से गुजर गया है तो उसका मार्गदर्शन करते हैं ताकि उसे उतना कष्ट न झेलना पड़े। इसके बाद फिर आत्मा किसी और शरीर को धारण कर लेती है। डेक्सटर ने कहा, मुझे बचपन में ही एहसास हो गया था कि मैं एक मानसिक रोगी हूं। क्योंकि जंगल में खेलते समय मैं मृतकों से बातचीत कर सकती थी। उसने कहा कि वह अपने घर के मृत लोगों को वर्षों बाद भी देख सकती थी। कई बार तो मैंने अपने मर चुके रिश्तेदारों को अपने साथ कमरे में भी देखा था। मुझे यह सामान्य लगता था। क्योंकि हमेशा मेरे साथ ऐसा होता रहता था। डेक्सटर ने कहा- जब तक मैं 8 साल की नहीं हो गई तब तक मुझे पता नहीं चला कि यह एहसास दूसरों से अलग कैसे है। एक दिर मैंने अपनी मां को इन अजीब चीजों के बारे में बताया। जब मैं 20 साल की हो गई तो मेरे एक परिजन ने, जिनकी मृत्यु हो गई थी, वह आए और बताया कि लोगों को इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए। इसका माध्यम तुम बन सकती हो।