लेख
17-Apr-2024
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यूं तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ,केंद्र की मनमोहन सरकार में मंत्री रहे , कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व विभिन्न राज्यो के प्रभारी रह चुके हरीश रावत एक ऐसा नाम है ,जो फर्श से अर्श तक प्रासंगिक है।सतत संघर्षशील, ज्वलंत मुद्दों पर मुखर और अपनी बढ़ती उम्र को मात देकर युवाओं से भी अधिक सक्रिय हरीश रावत इस समय हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत की चुनावी कमान संभाले हुए है,हालांकि उनसे मदद की उम्मीद राज्य के अन्य कांग्रेस प्रत्याशी भी कर रहे है,जिसके लिए वह भरपूर कौशिश में लगे भी है।चूंकि मतदान 19 अप्रैल को है,चुनाव प्रचार भी समाप्ति पर है,इन्ही व्यस्त क्षणों में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से बातचीत हुई तो लगा हरीश रावत इंडिया गठबंधन की जीत के प्रति पूरी तरह से आशावान है।जिसके पीछे वे मोदी सरकार के घटते जनाधार को मुख्य आधार मानते है।उन्होंने सवाल उठाया जो मोदी सरकार आजादी के अमृत महोत्सव में भी आजादी दीवानों का सम्मान नही कर पाई,जो गांधी के बजाए गोडसे का महिमामंडन करते रहे ,जो बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के बनाए संविधान को 400 पार का नारा देंकर बदल देना चाहते है,उन्हें देश के गांधी वादी,अंबेडकरवादी कैसे बर्दाश्त कर सकते है।जबकि कांग्रेस को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से संजीवनी देंकर इंडिया गठबंधन का अग्रदूत बनकर राहुल गांधी ने देश व देश के संविधान को बचाने के साथ साथ आमजन की उम्मीदों पर खरा उतरने का जो फार्मूला तैयार किया है,उसी के बलबूते अगली सरकार इंडिया गठबंधन की बनने जा रही है।पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मानते है कि प्रियंका गांधी की जनसभाओं में उमड़ी अपार भीड़ कांग्रेस के प्रति बढ़े जनविश्वास का प्रमाण है।वे कहते है कि हम राहुल गांधी के नेतृत्व में 5 न्याय गारंटी व 48 पेज के चुनावी घोषणा पत्र में किये गए 300 वायदों पर खरा उतरने का काम करेंगे।वे साफ कहते है कि हरिद्वार से वीरेंद्र रावत उनके पुत्र के रूप में नही बल्कि कांग्रेस के एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में चुनाव मैदान में है,जिसे हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है।हरीश रावत को विश्वास है कि लोग देश के समग्र विकास व डॉ भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान को बचाने की खातिर कांग्रेस को वोट दे रहे है।साथ ही मोदी सरकार को जो जनविरोधी नीतियां रही है,उनका खामियाजा मौजूदा सरकार को भुगतना पड़ेगा।उन्होंने विपक्षी नेताओं पर की गई दमनात्मक कार्यवाही ईडी व सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर कहा कि इन सबके रिएक्शन से ही देश की जनता इंडिया गठबंधन के साथ खड़ी हुई है।बातचीत के दौरान हरीश रावत ने मनमोहन सरकार की दस सालों की उपलब्धियों व उत्तराखंड में अपनी सरकार की उपलब्धियों को एक एक कर गिनाया,साथ ही कांग्रेस शासनकाल में बने कलकारखानों ,संस्थानो और इकाइयों को बेच देने पर सवाल उठाए।उन्होंने किसानों के उत्पीड़न, महिला पहलवानों के साथ हुए अत्याचार, उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड ,जनहितकारी योजनाओं को बंद करने जैसे अनेक मुद्दे उठाए और कहा कि यह चुनाव अपने साथ न्याय पाने का आखिरी अवसर है,जिसमे चूक हुई तो आने वाली पीढियां भी हमे माफ नही करेगी।ओर अंत मे हरीश रावत ने सभी से मतदान अवश्य करने का आव्हान किया।उन्होंने पहले मतदान बाद में घर का काम का नारा दिया। (लेखक राजनीतिक चिन्तक व वरिष्ठ पत्रकार है) ईएमएस / 17 अप्रैल 24