-बिलकुल अलग तरीके से करेगी वैक्सीन काम ब्राजीलिया (ईएमएस)। दुनियाभर में लाखों लोगों की कोकीन के नशे की लत छोड़ने में मददगार होगी ब्राजील के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई वैक्सीन। वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन को ‘कैलिक्सकोका’ नाम दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये वैक्सीन एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करती है, जो कोकीन और उसके डेरिवेटिव से मिलने वाले ‘हाई’ यानी तीव्र नशे को रोकता है। यह दवा लोगों को नशे की लत छोड़ने में बिलकुल अलग तरीके से काम करेगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि ये वैक्सीन कोकीन के असर को दिमाग तक पहुंचने ही नहीं देती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले अमेरिका में हर साल कोकीन के नशे की लत का इलाज कराने वाले 9,00,000 लोगों में से ज्यादातर को इलाज की जरूरत महसूस होती है। कई बार लंबे इलाज के बाद भी वे फिर से कोकीन लेना शुरू कर देते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये वैक्सीन कोकीन लेने से होने वाले ‘हाई’ को दबाने के लिए डिजाइन किया गया है। ये वक्सीन कोकीन लेने की इच्छा को ही खत्म करने में बेहतरीन उपकरण साबित होगी। येल के क्लिनिकल अध्ययन में पाया गया कि वैक्सीन कोकीन एंटीबॉडी का उत्पादन करती है, जो संभावित रूप से नशे को दिमाग तक पहुंचने से रोककर इसके असर को रोक सकती है। येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में मनोचिकित्सा के प्रोफेसर और वीए कनेक्टिकट हेल्थकेयर सिस्टम के मनोचिकित्सा के प्रमुख थॉमस आर। कोस्टेन और उनकी टीम ने 34 कोकीन का सेवन करने वालों को वैक्सीन लगाई। इन लोगों को 3-10 साल से कोकीन की लत थी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज समर्थित अध्ययन से पता चला कि वैक्सीन लगानो के बाद उनमें खास तरह की एंटीबॉडी बनीं, जो कोकीन से बॉन्ड बनाती हैं और इसे रक्तप्रवाह के जरिये मस्तिष्क तक पहुंचने से रोक सकती है। इस तरह वैक्सीन कोकीन के मनोवैज्ञानिक असर को निष्क्रिय कर सकती है। कोकीन एंटीबॉडी के उत्पादन में वैक्सीन का असर पूरे परीक्षण के दौरान बना रहा। कोस्टेन ने कहा कि वैक्सीन बेहद सुरक्षित है। क्लीनिकल ट्रायल्स के दौरान कोई बड़ा दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला। ये वैक्सीन बहुत ही गंभीर समस्या के लिए पूरी तरह से नया और बेहद व्यवाहारिक इलाज साबित हो सकता है। वह कहते हैं कि इससे पहले कोकीन की लत छुड़ाने के लिए कोई वैकल्पिक दवा उपचार उपलब्ध नहीं था। हम अभी तक कोकीन की लत को छुड़ाने को लेकर इसके फायदों के बारे में पूरी तरह से नहीं जानते हैं। फिर भी ये दुनियाभर में लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण जैसा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, वैक्सीन ने कोकीन के अणुओं को मस्तिष्क के मेसोलेम्बिक सिस्टम में जाने के लिए बहुत बड़ा बना दिया। बता दें कि कोकीन लेने के बाद मस्तिष्क का यही हिस्सा डोपामाइन का उत्पादन करने के लिए एक्टिव होता है। मूल रूप से कोकीन लेने के बाद भी लोगों को उतना नशा नहीं होगा, जितने की उन्हें उम्मीद रहती है। साल 2023 में इस परियोजना को लैटिन अमेरिकी चिकित्सा के लिए यूरो हेल्थ इनोवेशन अवार्ड्स में शीर्ष पुरस्कार दिया गया, जिसके तहत 5,00,000 यूरो का नकद इनाम भी दिया गया था। अभी भी वैक्सीन को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम जारी है।वैज्ञानिकों ने इंसानों पर परीक्षण के पहले वैक्सीन का जानवरों पर ट्रायल किया था। परीक्षण में उम्मीद के मुताबिक नतीजे मिले। इसके अलावा यह वैक्सीन चूहे के भ्रूण को कोकीन से बचाने में मददगार पाई गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह वैक्सीन नशे की लती गर्भवती महिला के अजन्मे बच्चों की सुरक्षा करने में मदद कर सकता है। जब वैज्ञानिकों को जानवरों पर किए ट्रायल्स में अच्छे नतीजे मिले तो इंसानों पर इसका परीक्षण किया। इसमें भी वैज्ञानिकों को अच्छे नतीजे मिले। यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम ने भी वैक्सीन के ट्रायल किए। सुदामा/ईएमएस 22 अप्रैल 2024