लेख
11-Jun-2024
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---पांचों सीटे देने वाले उत्तराखंड को सिर्फ एक राज्य मंत्री मिला नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में 9 जून की शाम 7.15 बजे 71 मंत्रियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई हैं। उससे पहले नरेंद्र मोदी ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। वे अटलजी की समाधि और नेशनल वॉर मेमोरियल गए। नरेंद्र मोदी को जवाहर लाल नेहरू की बराबरी पर लाने के लिए कुछ लोग प्रचारित कर रहे है किनेहरू के बाद तीसरी बार शपथ लेने वाले दूसरे प्रधानमंत्री बने मोदी!जबकि यह पूरी तरह गलत है। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजाद भारत में 4 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने सन1947,1952,1957व1962 में प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया। इसके बाद श्रीमति इंदिरा गांधी ने 3 बार प्रधान मंत्री पद की शपथ सन 1967,1971,व 1980 में ली थी। अटल बिहारी वाजपेई ने भी 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ 1996,1998,1999 में ली थी। जिसके बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2014,दूसरी बार 2019 और अब तीसरी बार प्रधान मंत्री पद की शपथ ली है। नरेंद्र मोदी ने जिन्हें मंत्री बनाया उन्हें अपने आवास पर चाय पर बुलाया था। इन नए मंत्रियों में अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला रमण , जयशंकर , शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर , कुमारस्वामी ,नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अर्जुन राम मेघवाल आदि शामिल है। उत्तर प्रदेश से 8 मंत्री बनाये गए है,जबकि उत्तराखंड से अल्मोड़ा सुरक्षित से अजय टम्टा को मंत्री बनाया गया है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह, अपना दल (एस) प्रमुख अनुप्रिया पटेल, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी, पीलीभीत से सांसद जितिन प्रसाद, राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा, महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी, आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल और बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान शामिल हैं। मोदी मंत्रिमंडल में कुछ नाम एकदम चौंकाने है, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लोगों को चौका दिया है। इनमें नवसारी सीट से 7.77 लाख वोटों के अंतर से जीतकर आए सीआर पाटिल को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गई हैं। पाटिल भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष हैं। सीआर पाटिल का जन्‍म महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ था। पाटिल 2009 के चुनाव से पहली बार नवसारी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और एक लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2014, 2019 और 2024 के चुनाव में भी उन्होंने इसी सीट से बंपर जीत हासिल की। पाटिल की जीत का अंतर हर चुनाव में बढ़ जाता है। यही उनके मंत्री बनने का आधार बना है। मोदी के करीबी नेताओं में गिने जाने वाले सीआर पाटिल ने आईटीआई करने के बाद गुजरात पुलिस बल में कांस्टेबल की नौकरी भी की थी। सन 1984 में नौकरी छोड़ खुद का बिजनेस शुरू किया। साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय हो गए। सन 1989 में भाजपा में शामिल हुए। दक्षिण गुजरात में भाजपा की मजबूती का श्रेय पाटिल को दिया जाता है। इसी तरह भावनगर लोकसभा सीट से 4.55 लाख वोटों से जीतकर संसद पहुंची निमुबेन बंभानिया को भी मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। निमुबेन तलपड़ा कोली समाज से आती हैं। वे पेशे से अध्यापक रही हैं और साथ में सामाजिक कार्यकर्ता भी है। 8 सितंबर,सन 1966 को जन्‍मीं निमुबेन बाभंणिया ने गणित व विज्ञान विषयों से बीएससी और बीएड किया है। निमुबेन के पति का नाम जयंतीभाई बाभंणिया है। वह अपने पति के साथ स्‍कूल चलाती हैं। निमुबेन की छवि शांत, आदर्श और सरल स्‍वभाव वाले नेता के तौर पर है। मेयर चुने जाने के बाद निमुबेन ने सरकारी वाहनों के इस्‍तेमाल के खिलाफ फैसला दिया था। उनके परिवार के सदस्‍यों को भी उनके कार्यालय में आने की इजाजत नहीं थी। निमुबेन सन 2009 से सन 2010 और सन 2015 से सन 2018 तक भावनगर की मेयर रहीं। गोरखपुर जिले के बांसगांव लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कमलेश पासवान को मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है। कमलेश सन 2009 से लगातार जीतते आ रहे हैं। कमलेश पासवान के पिता ओम प्रकाश पासवान भी राजनीति में थे, उन्‍हें एक रैली को संबोधित करने के दौरान मार दिया गया था। कमलेश पासवान की मां सुभावती पासवान भी सांसद रह चुकी हैं। कमलेश पासवान के छोटे भाई विमलेश पासवान भी बांसगांव सीट से भाजपा के दूसरी बार विधायक हैं। पॉलिटिकल साइंस से पोस्‍ट ग्रेजुएट कमलेश की पत्‍नी का नाम रितु पासवान है। उनके दो बच्‍चे- एक बेटा और बेटी है। वही यूपी की गोंडा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। वह पांचवीं बार सांसद चुने गए हैं। सन1998 और सन 2004 में वह सपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे। लखनऊ विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले राजा भैया को पावर्ड हैंग ग्लाइडर केवी के खासा शौकीन हैं। उनकी पत्नी का नाम मधु श्री सिंह है और उनके बेटे का नाम जयवर्धन सिंह। जयवर्धन सिंह फिलहाल पढ़ाई कर रहे हैं। राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। बिहार की राजनीति में ठाकुर एक जाना-पहचाना नाम है और वह नीतीश कुमार के करीबी भी माने जाते हैं। रामनाथ ठाकुर ने राज्‍य मंत्री के तौर पर शपथ ली है। रामनाथ बिहार के पूर्व सीएम और भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं। कर्पूरी ठाकुर जब तक राजनीति में रहें, उन्होंने अपने बेटे को राजनीति से दूर रखा। वह नहीं चाहते थे कि बेटा नेता बने। भाजपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे को भी मोदी ने अपना मंत्री बनाया है। सतीश को उत्तर बिहार का मजबूत ब्राह्मण नेता माना जाता है। सतीश वाल्मीकि नगर सीट से 2014 से 2019 तक लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। 2019 में उनका टिकट कट जाने के बाद भाजपा हाईकमान ने उन्‍हें राज्‍यसभा भेज दिया था। सांसद बनने से पहले वह चनपटिया और नरकटिया विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। मंत्री बनने पर सबसे अधिक जिस नाम ने चौंकाया है, वह नाम है मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुनकर संसद पहुंचने वाले डॉ. राजभूषण चौधरी निषाद का। राजभूषण कुछ महीने पहले ही वीआईपी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा के टिकट पर वह चुनाव लड़े थे। पेशे से चिकित्सक राज भूषण का मोदी सरकार में मंत्रि बनना बिहार में मुकेश सहनी के लिए झटका माना जा रहा है, जोकि निषादों की राजनीति करते हैं। अभिनेता से नेता बने केरल की त्रिशूर सीट से भाजपा सांसद सुरेश गोपी को भी मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है। सुरेश गोपी ने केरल में भाजपा का खाता खोला है। सुरेश गोपी का जन्‍म केरल के अलप्पुझा में 26 जून सन1958 को हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई कोल्लम से हुई। बाद में जूलॉजी से बीएससी और अंग्रेजी पोस्‍ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की। सन1965 से एक बाल कलाकार से अभिनय की शुरुआत की। टीडीपी के सांसद किंजरापू राम मोहन नायडू मोदी कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री बने हैं। 36 वर्षीय राम मोहन नायडू आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम सीट से तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। राम मोहन नायडू टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के बेहद करीबी माने जाते हैं। राम मोहन को राजनीति विरासत में मिली है। राम मोहन के पिता येरन नायडू भी टीडीपी के बड़े नेताओं में शुमार रहे थे। सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्‍यु हो जाने के बाद राम मोहन ने राजनीति में कदम रखा। गुंटूर सीट से तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर आए टीडीपी के सांसद चंद्रशेखर पम्मसानी भी मोदी टीम के हिस्सा बन गए हैं। उन्‍होंने राज्‍य मंत्री के तौर पर शपथ ली है। चंद्रशेखर पम्मसानी के पास कुल 5,705 करोड़ रुपये की संपत्ति है। चंद्रशेखर ने सन1999 में एमबीबीएस किया। बाद में सन 2005 में अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी से एमडी की उपाधि प्राप्त की। मांड्या लोकसभा से 2.84 लाख वोटों से जीतकर सांसद चुने गए एनडीए के सहयोगी दल जनता दल सेक्युलर के एचडी कुमारस्वामी ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। कुमारस्वामी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे हैं और दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। कुमारस्वामी लोगों के बीच कुमारन्ना के नाम से पहचाने जाते हैं। एचडी कुमारस्वामी राजनीति के साथ ही फिल्‍म निर्माता और व्यवसायी भी हैं। बुलढाणा लोकसभा सीट से लगातार चौथी बार सांसद चुने गए एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के प्रतापराव जाधव ने भी शपथ ली है। वह एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना के सांसद हैं। 25 नवंबर, सन1960 को जन्मे प्रतापराव जाधव तीन बार विधायक और चौथी बार सांसद चुने गए हैं। रांची लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए संजय सेठ को मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। संजय सेठ को वैश्य समुदाय और जनजातीय समाज का प्रमुख चेहरा माना जाता है। संजय सेठ संघ के करीबी नेता माने जाते हैंअजमेर सीट से 3.29 लाख वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी को हराकर संसद पहुंचे भागीरथ चौधरी को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। भागीरथ दूसरी बार सांसद चुने गए और पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं। वह भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हैं। पेशे से अध्यापक भागीरथ का जाट समाज से है ,वे इससे पहले, किशनगढ़ से दो बार विधायक रह चुके हैं। राजधानी की पूर्वी दिल्‍ली लोकसभा सीट से बंपर वोटों से जीतकर सांसद बने हर्ष मल्होत्रा को मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है। हर्ष मल्होत्रा का पूरा नाम हर्ष दीप मल्होत्रा है। हर्ष पूर्वी दिल्ली से मेयर भी रहे हैं। पूर्वी दिल्ली के इलाके में हर्ष मल्होत्रा की खासा अच्छी पकड़ मानी जाती है। सन 2012 में हर्ष मल्होत्रा ने पूर्वी दिल्ली के वेलकम कॉलोनी से पार्षद का चुनाव जीता था। मोदी मंत्रिमंडल का शपथग्रहण समारोह 2 घण्टे से ज्यादा चला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंत्रियों को शपथ दिलाने के दौरान 144 बार मैं बोलना पड़ा और वे 72 बार मंत्रियों का अभिवादन स्वीकार करने के लिए खड़ी हुई। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अधिकांश शीर्ष मंत्रियों यहां तक कि दक्षिण भारत के अहिंदी भाषी मंत्रियों ने भी हिंदी में शपथ ली। लेकिन निर्मला सीतारमण,एस जयशंकर समेत कई मंत्रियों ने अंग्रेजी में शपथ ली। चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत का अंग्रेजी में शपथ लेना सभी को अखरता रहा। (लेखक वरिष्ठ राजनीतिक चिंतक व टिप्पणीकार है) ईएमएस / 11 जून 24