राज्य
21-Jun-2024
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स्कूल-कालेज में पढ़ाए जाएंगे राम व कृष्ण के पाठ -प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोलने का निर्णय भोपाल (ईएमएस)। प्रदेश के स्कूलों व कालेजों में विद्यार्थियों को अब भगवान राम और कृष्ण के पाठ पढ़ाए जाएंगे। सरकार राम और कृष्ण से जुड़े विषयों को स्कूली शिक्षा व उच्च शिक्षा में शामिल करने जा रही है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इस बात की घोषणा की। वह शुक्रवार सुबह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सीएम हाउस में आयोजित योग कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से चर्चा कर रहे थे। सीएम डा. यादव ने कहा कि राम पथ गमन और कृष्ण पथ गमन दो परियोजनाओं को राज्य सरकार ने अपने हाथ मे लिया है। भगवान राम और कृष्ण राज्य में जिन-जिन स्थानों पर गए हैं, उन जगहों को चिह्नित कर तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने का सरकार ने फैसला किया है। सीएम डा. यादव ने आगे कहा कि हमारी पार्टी के घोषणा पत्र में भी यह शामिल रहा है और मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि हम इस पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही भगवान राम और भगवान कृष्ण से जुड़ी पाठ्यक्रम संबंधी जो-जो भी उपलब्धियां हैं, उनको भी हम उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम में लेने वाले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मप्र में योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में योग आयोग के गठन के बाद योग को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। योग शिक्षकों को अन्य विषयों के शिक्षकों की तरह महत्व मिल रहा है। आनंद विभाग भी गठित किया गया है। इस दिशा में कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। आयुर्वेद की दृष्टि से भी अहम फैसले लिए गए हैं। प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोलने का निर्णय इसी कड़ी में लिया गया है। मप्र की समृद्ध वन संपदा की दृष्टि से आयुर्वेद के क्षेत्र में मप्र नवीन आयुर्वेदिक महाविद्यालयों के माध्यम से पूरे देश का ध्यान आकर्षित करेगा। प्रदेश में श्रीअन्न उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोदो-कुटकी सहित सभी तरह के मोटे अनाज अर्थात श्रीअन्न के उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया है। करीब छह माह पूर्व जबलपुर में मंत्रिपरिषद की बैठक में पहला फैसला श्रीअन्न के प्रोत्साहन पर लिया गया था। महाकौशल अंचल में बहुतायत से श्रीअन्न का उत्पादन होता है। किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से श्रीअन्न का महत्व हम सभी कोरोना काल में ही समझ चुके हैं। व्यक्ति आहार, विचार और व्यवहार के स्तर पर नियमित रहकर दीर्घायु प्राप्त कर सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीअन्न संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में इस अभियान के अंतर्गत संचालित की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गई।