नई दिल्ली (ईएमएस)। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने गुरुवार को लोकसभा में नए संसद भवन की छत टपकने का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही के समापन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत यात्रा पर आए और उस समय सदन के विशेष बॉक्स में बैठे हुए जापानी संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। इसके बाद कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अपने द्वारा दिए गए स्थगन प्रस्ताव का हवाला देकर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। अध्यक्ष बिरला ने कांग्रेस नेता टैगोर की मांग को खारिज करते हुए कहा कि वे सभी सांसदों को आगाह करते हैं और भविष्य के लिए भी यह बताते हैं कि नियम और प्रक्रियाओं के तहत भी और कई बार बुलेटिन जारी कर भी यह बताया जाता है कि स्पीकर के अधिकार क्षेत्र से जुड़े मसले पर नोटिस नहीं लिया जाता। उन्होंने सांसदों से इसका भविष्य में ध्यान रखने को भी कहा। इसके पहले नई संसद की भी तस्वीरें सामने आई, जहां जलभराव के हालात नजर आए। इस दौरान एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसमें नई संसद के अंदर पानी टपकता दिखाई दिया। इस मुद्दे पर सियासत शुरु हो गई है। लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा कि बाहर पेपर लीकेज, संसद में वाटर लीकेज। राष्ट्रपति की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली संसद की लॉबी में पानी का लीकेज चौंकाने वाला है। संसद के नए भवन में ऐसा होना मौसम संबंधी समस्याओं को दिखाता है। ये पूरा घटनाक्रम इसका निर्माण पूरा होने के महज एक साल बाद ही सामने आई है। कांग्रेस सांसद ने गंभीर मुद्दा बताकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने भी नई संसद की छत से पानी टपकने पर सवाल उठाए। उन्होंने वीडियो पोस्ट कर लिखा, इस नई संसद से अच्छी पुरानी संसद थी, जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें, कम-से-कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है। जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी सोच-समझकर बनाई गई डिजाइन का हिस्सा होता है या फिर…। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इसके निर्माण कार्य को लेकर सवाल खड़े किए। एक यूजर ने लिखा कि आपको पता है नई वाली संसद 1,200 करोड़ में बनी है। आशीष दुबे / 01 अगस्त 2024