बिलासपुर (ईएमएस)। हाईकोर्ट ने रजिस्टर्ड मछुआ सहकारी समिति को ही मछली पालन के लिए तालाब लीज पर देने का आदेश दिया है। जनपद पंचायत बिल्हा ने पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति की जगह अपंजीकृत समूह को तालाब लीज पर दे दिया था। जिले के ग्राम बरतोरी तहसील बिल्हा निवासी भूषण कुमार यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि वे जय भवानी मछुआ सहकारी समिति बरतोरी के अध्यक्ष हैं। उनकी सहकारी समिति नियमानुसार पंजीकृत है, जिसका पंजीयन क्रमांक 232 है। ग्राम पंचायत बरतोरी में स्थित बंधवा तालाब को 10 वर्षीय लीज में लेने के संबंध में याचिकाकर्ता की समिति ने निर्धारित शर्तों को पूरा करते हुए 11 मार्च 2024 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बिल्हा के समक्ष आवेदन दिया था। तालाब को लीज पर लेने के लिए जय भवानी मछुआ सहकारी समिति ने छत्तीसगढ़ सहकारी समिति अधिनियम 1960 की धारा 9 के अंतर्गत वर्ष 2007 में अपनी समिति का पंजीयन भी कराया था। याचिकाकर्ता की समिति पंजीयन दिनांक से ही कार्यशील है और वर्तमान में उसके कुल 27 सदस्य हैं, जिनका मुख्य व्यवसाय मछली पालन ही है। परंतु जनपद पंचायत बिल्हा ने याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार किए बिना तालाब को 10 वर्षीय लीज पर देने के लिए अपंजीकृत बजरंग मछुआ समूह के पक्ष में प्रस्ताव पारित कर दिया। जबकि राज्य शासन के दिशा -निर्देशों के अनुसार ऐसी मछुआ सहकारी समिति को मत्स्य पालन के लिए तालाब लीज पर देने में प्राथमिकता देने का प्रावधान है जो नियमानुसार पंजीकृत हों। इस संबन्ध में याचिकाकर्ता की आपत्ति पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता की आपत्ति का गुण दोष के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बिल्हा 6 सप्ताह के भीतर नियमानुसार निराकरण करें। मनोज राज/योगेश विश्वकर्मा 02 नवंबर 2024