राष्ट्रीय
29-Jan-2025


विशेषज्ञों ने इसके इस्तेमाल को लेकर सतर्कता बरतने की दी सलाह नई दिल्ली,(ईएमएस)। चीन का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल डीपसिक तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और यह सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाला फ्री ऐप बन गया है। इसके जरिए डीपसिक ने ओपनएआई के चेटजीपीटी को टक्कर दी है। इस चैटबॉट की सफलता के साथ डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों ने डीपसिक के के इस्तेमाल को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एप चीन का है, जिससे उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी लीक होने का खतरा है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने चेतावनी दी है कि उपयोगकर्ताओं को इस चैटबॉट पर संवेदनशील जानकारी साझा न करें। उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि आप इससे सामान्य सवाल पूछें, जैसे फुटबॉल मैच या इतिहास से जुड़े सवाल लेकिन व्यक्तिगत या गोपनीय जानकारी साझा करना आपको खतरे में डाल सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एआई सलाहकार ने भी डीपसिक के खतरों को उजागर किया है। उनका कहना था कि चीनी टेक कंपनियां सरकार के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। विशेषज्ञों को चिंता है कि इसका इस्तेमाल चीन द्वारा निगरानी और दुष्प्रचार अभियानों के लिए किया जा सकता है। ब्रिटेन के टेक्नोलॉजी सेक्रेटरी ने डीपसिक में सेंसरशिप का मुद्दा उठाया और कहा कि यह अन्य एआई मॉडल्स की तुलना में कम स्वतंत्र है। उन्होंने उपयोगकर्ताओं को चेताया कि उन्हें इसे डाउनलोड करने से पहले सतर्क रहना चाहिए, इसे पूरी तरह से परखा नहीं गया है। ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी इसकी जांच कर रही हैं। इन चिंताओं के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि उपयोगकर्ताओं को इस एआई चैटबॉट का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहना चाहिए और इससे व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। सिराज/ईएमएस 29जनवरी25 --------------------------------