मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई के बहुचर्चित दिशा सालियन की मौत के मामले में उनके पिता सतीश सालियन द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा समय मांगने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 13 जून तक स्थगित कर दी है। दरअसल राज्य सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि हमें समय की आवश्यकता होगी। इस मामले में एक दौर की जांच पूरी हो चुकी है। लेकिन तब से इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। इसलिए सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कुछ समय दिया जाए। इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सतीश सालियन की याचिका पर सुनवाई 13 जून तक के लिए स्थगित कर दी। बता दें कि दिशा सालियन के पिता सतीश सालियन ने अपनी याचिका में कहा है कि, दिशा अपने करियर को लेकर बहुत गंभीर थी, वह ऐसे आत्महत्या नहीं कर सकती थी। उस समय मुझे यह विश्वास दिलाया गया कि मेरी बेटी की मौत एक दुर्घटना थी। हालाँकि, उसकी मौत आकस्मिक नहीं थी, बल्कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडनेकर और मालवणी पुलिस स्टेशन के अधिकारी लगातार इस बात पर जोर देते रहे कि वह जो कह रहे हैं वह सच है। इन्हीं लोगों ने मेरे परिवार पर लगातार दबाव बनाया और उन्हें घर में नजरबंद रखा। सालियन ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि वे हमारी हर गतिविधि पर नजर रख रहे थे। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि दिशा के सामूहिक बलात्कार और हत्या को छिपाने के लिए मुंबई पुलिस ने सभी गवाह साक्ष्य, फोरेंसिक रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि गढ़ी हैं। * याचिका में आदित्य ठाकरे पर गंभीर आरोप प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही के मुताबिक, 8 जून 2020 की रात को दिशा के मुंबई के मलाड में मालवणी स्थित घर पर उसके करीबी दोस्तों के साथ पार्टी चल रही थी। लेकिन अचानक आदित्य ठाकरे, उनके एक अंगरक्षक, अभिनेता सूरज पंचोली और अभिनेता डिनो मोरिया वहां आ पहुंचे और पार्टी का माहौल बदल गया। सालियन के वकील नीलेश ओझा ने बार-बार खुलासा किया है कि दिशा के साथ उन्हीं लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। इस घटना के बाद, दिशा का जिंदा रहना कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया, इसलिए उसे हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया। इस घटना के बाद कई राजनेता और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अचानक सक्रिय हो गए। इस घटना के बाद आदित्य ठाकरे लगातार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से फोन पर संपर्क में थे। इसके अलावा उसने दिशा के कुछ करीबी लोगों को कई फोन कॉल भी किए। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि दिशा की मौत के कुछ दिनों बाद अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की भी मौत हो गई थी। इस दौरान आदित्य ठाकरे ने सुशांत की दोस्त रिया चक्रवर्ती से 44 बार फोन पर बात की। * दिशा की संदिग्ध मौत और मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल दिशा के शव को बंद दरवाजे के पीछे ले जाकर बाहर फेंक दिया गया। लेकिन यह दावा किया गया कि उसने 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। हालाँकि, दिशा के शरीर पर ऐसे कोई निशान नहीं थे, जिससे घटना से ये पता चल सके कि उसने 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या की। मुंबई पुलिस ने सामूहिक बलात्कार के निशान मिटाने के लिए दिशा के शव का पोस्टमार्टम 50 घंटे तक टाल दिया। हमें दिशा का शव लंबे समय तक रखने की भी अनुमति नहीं दी गई, हमें जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया। घटना के दिन इमारत और आसपास के क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। वहां मौजूद कई लोगों के मोबाइल लोकेशन और सीडीआर दर्ज नहीं किए गए। इस तरह के आरोप लगाते हुए याचिका में मुंबई पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए गए हैं। * याचिका में प्रमुख मांगें सारी जानकारी होने के बावजूद राज्य के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विपरीत, जो घटना घटी, उससे संबंधित व्यक्तियों और भ्रष्ट अधिकारियों को समर्थन मिला। इसलिए इस मामले में उनकी भी जांच होनी चाहिए। आदित्य ठाकरे, रिया चक्रवर्ती, संबंधित पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों को हिरासत में लेकर नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और झूठ डिटेक्टर से पूछताछ की जानी चाहिए। याचिका की मुख्य मांग ये है कि इस मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया जाए और उसकी निगरानी में मजबूत केस तैयार किया जाए तथा पूरी जांच अदालत की निगरानी में एनआईए या सीबीआई के माध्यम से कराई जाए। स्वेता/संतोष झा- ०१ मई/२०२५/ईएमएस