इन्दौर (ईएमएस) साइबर ठगोरो का साफ्ट टारगेट बन चुके इन्दौरियों को एक बार फिर निशाना बनाते इन साइबर ठगोरो ने एक करोड़ सत्तर लाख की ठगी को अंजाम दे दिया है। इस बार इन साइबर ठगोरो ने अपना शिकार एक रिटायर्ड प्रोफेसर को बनाया है। जिनको उन्होंने पहले एक व्हाट्स एप ग्रुप में जोड़ा और अच्छे मुनाफे का लालच देकर 1.70 करोड़ ठग लिए। किसी भी सीनियर सिटीजन से यह अब तक की सबसे बड़ी ठगी का मामला है। मामले की जानकारी भी तब लगी जब प्रोफेसर की बैंक के मैनेजर ने उनके खाते में हो रहे लगातार बड़े ट्रांजेक्शनों पर शक होने पर उनसे पूछताछ की तो उन्होंने जानकारी देने से ही इनकार कर दिया। इसके बाद बैंक मैनेजर ने मामले में जानकारी पुलिस तक पहुंचाई जिस पर साइबर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी। मामले में बताया जा रहा है कि बैंक मैनेजर द्वारा क्राइम ब्रांच को रिटायर्ड प्रोफेसर द्वारा एक अनजान अकाउंट में 36 लाख का ट्रांजेक्शन किए जाने की खबर देने के बाद एडीसीपी राजेश दंडोतिया बैंक मैनेजर से प्रोफेसर का पता लेने के बाद उनके स्कीम नं 94 स्थित घर पहुंचे और उन्हें समझाया भी, लेकिन वह नहीं माने। बाद में ठगी का पता चलने पर वे खुद एडीसीपी दंडोतिया के पास पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। जानकारी अनुसार स्कीम 94 निवासी 84 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर को आर्यन आनंद नाम के व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को ट्रेडिंग एडवाइजर बताया और आदित्य बिरला मार्केट ट्रेडिंग ग्रुप में जोड़ मोटे मुनाफे का झांसा दिया। उसने उन्हें स्टॉक.एमएससीएल-विप.टॉप लिंक भेजकर एक एप इंस्टॉल करवाया और निवेश के लिए प्रेरित किया। इसमें पहले मुनाफा देने के बाद 10 बैंक खातों में 9 बार में उनके पूरे जीवनभर की कमाई के 1 करोड़ 70 लाख 45 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए। प्रोफेसर को आखिरी समय तक यह समझ ही नहीं आया कि वे ठगी का शिकार हो रहे हैं। वे तो बस एप पर दिखाई जा रही फर्जी रकम को अपने मुनाफे की असली रकम मानते रहे। जब उन्होंने पैसा निकालने की कोशिश की तो आरोपियों ने बहाने बनाए और फिर नंबर बंद कर दिए। फिलहाल, पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। आनन्द पुरोहित/ 20 फरवरी 2025