- केंद्र ने देश में मैंग्रोव कवर के साथ ही मछुआरा परिवारों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से 2023 में शुरू की थी ‘मिष्टी’ योजना गांधीनगर (ईएमएस)| देश के मौजूदा दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के जरिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट यानी टिकाऊ विकास पर जोर दिया है और इसके लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में तटीय राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में मैंग्रोव वृक्षों के विस्तार के साथ-साथ तटीय समुदायों एवं इकोसिस्टम के लिए एक टिकाऊ भविष्य का निर्माण करने के लिए मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटैट्स एंड टैंजिबल इनकम (मिष्टी) योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत पिछले दो वर्षों में 19,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में मैंग्रोव लगाने के साथ गुजरात देश में सबसे आगे है। क्या है ‘मिष्टी’ योजना का उद्देश्य केंद्र सरकार ने 5 जून, 2023 को पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘मिष्टी’ योजना लागू की थी। इस योजना का उद्देश्य तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मैंग्रोव लगाना, मैंग्रोव क्षेत्रों की मैपिंग और उनकी भौगोलिक एवं हाइड्रोलॉजिकल स्थिति की जांच करना, नर्सरी की स्थापना करना, जनजागरूकता कार्यक्रम चलाना, प्रशिक्षण और अनुसंधान, मॉनिटरिंग तथा इको टूरिज्म स्थल विकसित करना है। ‘मिष्टी’ योजना के क्रियान्वयन में गुजरात देश में अव्वल गुजरात ने ‘मिष्टी’ योजना के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में 76 करोड़ रुपए से अधिक के खर्च से राज्य के लगभग 19,020 हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रोव लगाकर देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। गुजरात में मैंग्रोव कवर के विस्तार के संबंध में वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री मुळुभाई बेरा ने बताया कि, “मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात पर्यावरणीय संरक्षण और उसके माध्यम से ‘विकसित गुजरात से विकसित भारत’ की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप केंद्र सरकार की ‘मिष्टी’ योजना के क्रियान्वयन में गुजरात देश में अग्रणी बन गया है।” तटीय वन्यजीवों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है मैंग्रोव इकोसिस्टम मैंग्रोव वन एक विशेष प्रकार के वन हैं जो समुद्र तटों पर पाए जाते हैं, जिसमें खारे पानी में उगने वाले वृक्ष शामिल हैं। मैंग्रोव वृक्ष पोषक तत्वों और गाद यानी तलछट को फिल्टर कर पानी की गुणवत्ता सुधारने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यह इकोसिस्टम समुद्री जीवसृष्टि को समर्थन देने, तटीय मिट्टी को स्थिर करने, लवणता को बढ़ने से रोकने और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने लिए महत्वपूर्ण है। एक अनुमान के अनुसार मछलियों और पक्षियों सहित पौधों और प्राणियों की लगभग 1500 प्रजातियां मैंग्रोव पर निर्भर हैं, जो मैंग्रोव वृक्षों के नीचे के उथले पानी का उपयोग प्रजनन नर्सरी के रूप में करती हैं। इतना ही नहीं, बंदर, स्लॉथ, बाघ और लकड़बग्घा जैसे बड़े स्तनधारी जीवों के लिए भी मैंग्रोव महत्वपूर्ण है। इकोसिस्टम के लिए वरदान है गुजरात का तट, अनेक लोगों को देता है रोजगार मैंग्रोव के वृक्ष तटीय कटाव को रोकने के लिए एक हरित दीवार का काम करते हैं और वे मछलियों के प्रजनन के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस तरह, मैंग्रोव मछुआरा परिवारों के रोजगार में अहम योगदान देते हैं। चक्रवात के समय समुद्र तट को बचाने और लवणता को बढ़ने से रोकने में भी मैंग्रोव वनों का अहम योगदान होता है, जो इस क्षेत्र की कृषि के लिए भी महत्वपूर्ण है। गुजरात का 1650 किलोमीटर लंबा समुद्री तट मैंग्रोव, मूंगा चट्टान और हरित शैवाल जैसी समुद्री घास सहित विभिन्न इकोसिस्टम के लिए एक आदर्श वातावरण का निर्माण करता है। केंद्र सरकार द्वारा ‘मिष्टी’ योजना के अंतर्गत पांच वर्षों में लगभग 540 वर्ग किमी क्षेत्र में मैंग्रोव लगाने का लक्ष्य दिया गया था, जिसकी तुलना में गुजरात ने पिछले दो वर्षों में 190 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र में मैंग्रोव लगाने का काम पूरा कर लिया है। पूरे गुजरात में मैंग्रोव वृक्षों का रणनीतिक वितरण गुजरात का मैंग्रोव कवर रणनीतिक रूप से राज्य के चार मुख्य क्षेत्रों में बंटा हुआ है, जिसमें राज्य का कच्छ जिला 799 वर्ग किमी मैंग्रोव कवर के साथ सबसे आगे है। जबकि मरीन नेशनल पार्क और अभयारण्य सहित कच्छ की खाड़ी, जामनगर, राजकोट (मोरबी), पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जैसे क्षेत्रों का कुल मैंग्रोव कवर 236 वर्ग किमी है। खंभात की खाड़ी के अलावा डुमस-उभराट जैसे क्षेत्रों सहित राज्य के मध्य एवं दक्षिण क्षेत्र में, जिसमें भावनगर, अहमदाबाद, आणंद, भरूच, सूरत, नवसारी और वलसाड जैसे जिले शामिल हैं, 134 वर्ग किमी का मैंग्रोव कवर है। इसके अलावा, अमरेली, जूनागढ़ और गिर-सोमनाथ जैसे जिलों वाले राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में भी 6 वर्ग किमी का साधारण मैंग्रोव कवर है। गुजरात सरकार ने मैंग्रोव वृक्ष लगाने का व्यापक अभियान शुरू किया गुजरात सरकार ने मैंग्रोव वृक्ष के इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पिछले दो दशकों में व्यापक अभियान चलाया है, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति राज्य की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है। वृक्षारोपण के व्यापक प्रयास और सरकार के समर्थन के साथ राज्य के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मैंग्रोव के रणनीतिक वितरण के कारण न केवल जैव विविधता को बढ़ावा मिला है, बल्कि इसने तटीय लचीलेपन को भी और अधिक मजबूत किया है। मैंग्रोव संरक्षण के क्षेत्र में गुजरात निरंतर अग्रसर रहने के साथ ही दुनिया भर में टिकाऊ पर्यावरणीय संरक्षण के लिए एक बड़ा उदाहरण स्थापित करता है। सतीश/01 मार्च