ज़रा हटके
07-Mar-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। हाई बीपी के कारण दिमाग में खून के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है और इस्केमिक स्ट्रोक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर की वजह से रक्त वाहिकाएं संकरी और कठोर हो जाती हैं, जिससे उनमें प्लाक जमा होने लगता है। इस स्थिति में, यदि कोई खून का थक्का बनता है, तो वह दिमाग में ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोक सकता है, जिससे स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। गंभीर मामलों में, रक्त वाहिकाएं कमजोर होकर फट सकती हैं, जिससे रक्तस्रावी स्ट्रोक (हेमरेज) होने का खतरा रहता है। हाई ब्लड प्रेशर का एक अन्य गंभीर प्रभाव डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी मानसिक बीमारियों से जुड़ा है। उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क में रक्त प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे मस्तिष्क कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं और व्यक्ति की याददाश्त कमजोर पड़ सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, हाई बीपी से पीड़ित लोगों में मानसिक क्षमताओं में गिरावट का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाई बीपी को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से परहेज, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। नमक और वसा का अधिक सेवन रक्तचाप बढ़ाने में योगदान कर सकता है, इसलिए भोजन में फलों, सब्जियों और कम वसा वाले पदार्थों को शामिल करना चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार, 40 वर्ष की उम्र के बाद नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवाना आवश्यक है। यदि हाई बीपी की समस्या पहले से ही मौजूद है, तो दवा का नियमित सेवन और डॉक्टर की सलाह से उपचार करना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर को अनदेखा करना गंभीर परिणाम ला सकता है, इसलिए समय रहते सावधानी बरतना और स्वस्थ आदतों को अपनाना बेहद जरूरी है। बता दें कि हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो केवल दिल ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी गहरी क्षति पहुंचा सकता है। जब रक्तचाप सामान्य स्तर से अधिक हो जाता है, तो यह दिमाग की रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे स्ट्रोक, ब्रेन हेमरेज और डिमेंशिया जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। सुदामा/ईएमएस 07 मार्च 2025