-पुलिस ने पेश की खारिजी, कोर्ट ने दिये केस बंद करने के आदेश भोपाल(ईएमएस)। शहर के कमला नगर थाने में गूगल के सीनियर मैनेजर गणेश शंकर द्वारा करीब चार साल पहले किडनेप कर जबरदस्ती शादी कराने की दर्ज कराई गई एफआईआर की एफआईआर झूठी साबित हुई है। गणेश ने आरोप लगाया था, कि लड़की वालों ने उसे अगवा कर जबरन शादी कराई और 50 लाख की मांग कर ब्लैकमेल किया। पूरे मामले की जांच के बाद कमला नगर पुलिस ने भोपाल जिला न्यायालय में खारिजी रिपोर्ट पेश की, जिसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अरुण सिंह ने स्वीकार करते हुए केस बंद करने के आदेश दिए। जानकारी के अनुसार गणेश ने पुलिस को बताया था, कि वह बेंगलुरु स्थित गूगल में सीनियर मैनेजर है, और शिलॉन्ग आईआईएम में पढ़ाई के दौरान उसकी पहचान सुजाता नामक युवती से हुई थी। साल 2019 में उनके बीच नजदीकियां बढ़ीं। 2020 में लड़की के माता-पिता ने शादी का प्रस्ताव रखा, लेकिन गणेश ने इंकार कर दिया। उसकी रिपोर्ट दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस टीम के सामने आया कि गणेश को शादी की पूरी जानकारी थी। उसने शादी से पहले अपने दोस्तों को व्हाट्सएप पर आमंत्रण भेजा था। वहीं मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट से दोनों के प्रेम संबंध की पुष्टि हुई और शादी की तस्वीरों में वह खुशी से समारोह में भाग लेते नजर आया, वह किसी नशे या दबाव में नहीं था। पुलिस जांच में यह भी पता चला की सुजाता ने गणेश से यह पूछते हुए मेल किया था, कि उसने किसी अन्य महिला से शादी क्यों की। इसके बाद सुजाता ने बेंगलुरु के ताला घट्टापुरा थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पर दबाव बनाने के लिये गणेश ने कमला नगर थाने में झूठा मामला दर्ज कराया। पड़ताल के दौरान गणेश की पत्नी सुजाता ने अपने बयानों में बताया कि गणेश ने मतंगी नाम की महिला से इस घटना के बाद शादी कर ली थी। भोपाल में सुजाता से शादी के बाद जब गणेश अलग रहने लगा, तो वो अपने बहनोई के साथ बेंगलुरु के फ्लैट में गई। यहां सामने आया कि गणेश मातंगी के साथ रह रहा था। जुनेद / 14 अप्रैल