राष्ट्रीय
22-Apr-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में एआई के आने के बाद अब तेजी से बदलते परिदृश्य पर जानकारों ने कहा कि आने वाले दिनों में इसका सबसे ज्यादा खतरा मध्यम वर्ग सैलरी वाले लोगों पर पड़ेगा। जानकार का मानना है कि भारत अब एक इसतरह के आर्थिक युग में प्रवेश कर रहा है, जहां पर पढ़े-लिखे और मेहनती शहरी भारतीयों लोगों के लिए कोई जॉब गारंटी नहीं होगी। जानकार ने चेतावनी देकर कहा कि वेतन वाली नौकरी जिसे लंबे समय तक वित्तीय सुरक्षा के लिहाज से सबसे बेहतर समझा जाता था, अब वे खत्म होने की कगार पर है। उन्होंने कहा कि ये दशक इसतरह पढ़े-लिखे और मेहनती लोगों के लिए वेतनभोगी रोजगार के तौर पर काफी बुरा साबित होने जा रहा है। उनके बयान का सामने आ रहे आंकड़े और भारत के व्हाइट कॉलर इकॉनोमी पर पड़ रहे असर भी पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं। तकनीकी, फाइनेंस और मीडिया जैसी कंपनियों में मध्यम वर्गीय नौकरियों को कम किया जा रहा है। व्हाइट कॉलर वर्कर्स की तरफ से जो काम किया जाना था, वहां अब एआई कर रहा है। गूगल ने कहा कि उसका करीब एक तिहाई कोडिंग का काम एआई कर रहा है. इसी तरह से भारतीय आईटी, मीडिया और फाइनेंस सेक्टर में होने जा रहा है। इसतरह के लाखों भारतीय जो कंपनियों के वादों पर भरोसा करते हुए बड़े हुए हैं, उन्हें इस सच को स्वीकार करना जरूर मुश्किल होगा। हालांकि, मुखर्जी का मानना है कि ये बदलाव है। भारत के विशाल डिजिटल प्रौद्योगिकी, जिसे पिछले करीब एक दशक में तैयार किया गया है, उसने नई अर्थव्यवस्था की नींव रख दी है। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार के लिए बच्चों को नौकरी मांगने वाला बनाने से रोकना होगा। अब इस तरह की नौकरियां नहीं होंगी। ये कड़वी सच्चाई है। आशीष दुबे / 22 अप्रैल 2025