-वरना बन सकते है सायबर स्लेव, पासपोर्ट जप्त कर गिरोह करवाता है सायबर ठगी भोपाल(ईएमएस)। दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में ऊंचे वेतन सहित अन्य आकर्षक सुविधाओ पर नौकरियां करने का लालच देते हुए भारतीय प्रवासी एक नए तरह के जाल में फंस रहे हैं। जहां भारतीयों को अच्छे वेतन देने का झांसा देकर नौकरियों के नाम पर बुलाने के बाद साइबर गुलामी करवाई जा रही है। साइबर गुलामी शोषण का एक आधुनिक रूप है, जिसमें लोगो को अवैध रूप से बंधक बनाकर डिजीटल अरेस्ट जैसै साइबर फ्रॉड करने के लिए मजबूर किया जाता है। राज्य सायबर सेल ने इस तरह के जालसाजों से बचने के लिए एडवायजरी जारी की है। जानकारी के अनुसार विदेश में नौकरी और अधिक रुपये कमाने की चाहत रखने वाले युवाओं पर इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड माफिया की नजर है। युवाओं के बायोडाटा जॉब साईट्स और सोशल मीडिया पर अपलोड करते ही साइबर फ्रॉड माफिया उन्हें साइबर स्लेव बनाने के लिए उनकी स्क्रीनिंग में जुट जाते हैं। इसके बाद चिन्हित युवाओं से वॉट्सऐप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के जरिए संपर्क कर, उन्हें मोटी रकम और शानदार सुविधायें देने का वादा कर नौकरी के नाम पर थाईलैंड, म्यानमार और आसपास के देशों में बुलायाकर उनसे फेक लोन‑ऐप, क्रिप्टो घोटाले और ऑनलाइन ठगी कराई जा रही है। इनकार करने पर शारीरिक हिंसा और भारी जुर्माने की धमकी दी जाती है। राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय, मध्यप्रदेश ने एडवाइजरी जारी की है। जिसमें बताया है कि दक्षिण‑पूर्व एशियाई देशों की कॉल‑सेंटर जैसी कंपनियां ऑनलाइन इंटरव्यू और आकर्षक पैकेज का लालच देकर भारतीय युवाओं को बुला रही है, लेकिन सीमा पार पहुंचते ही पासपोर्ट जब्त कर बंधुआ बना लेती हैं। * जाल में ऐसे फंसाकर बना लेते है साइबर स्लेव एडवायजरी में बताया गया है की लोगो को फंसाने वाला रैकेट एच आर के के नाम से जुड़कर वीडियो कॉल पर इंटरव्यू पर लेते हैं। इसके बाद उन्हें सिलेक्ट होने की बात कहकर टिकट-वीजा फ्री दिये जाने के साथ ही ‘वर्क परमिट’ और रहने‑खाने का खर्च कंपनी द्वारा उठाने का ऑफर भी दिया जाता है। जाल में फंसे लोगो के दूसरे देश के एयरपोर्ट पर कंपनी एजेंट रिसीव करता है, और उनका पासपोर्ट अपने कब्जे में लेकर अन्य दस्तावेज छीन लिए जाते हैं। इसके बाद युवाओं को धमकाते हुए छोटे‑छोटे केबिन में बैठाकर कॉइन ट्रेडिंग, डेटिंग‑ऐप, लोन‑ऐप से ठगी कराई जाती है। गिरोह में फंसे लोगो के पास केवल दो रास्ते रहते है, या तो वो उनकी बात मानकर उनके कहे अनुसार ठगी का काम करें या फिर लाखों रुपए का जुर्माना भरें। *इस तहर बच सकते है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या अनजान एजेंसियों से मिली विदेश नौकरी ऑफर को अच्छी तरह से सत्यापित करते हुए उसके संबध में जानकारी जुटाये। इसके लिये प्रस्तावित देश की दूतावास वेबसाइट पर कंपनी का वैधानिक रिकॉर्ड चैक करें, बिना वीजा कंसल्टेंट फीस न चुकाएं। किसी भी दस्तावेज पर साइन करने से पहले भारतीय दूतावास/एमईए पोर्टल से काउंसिलिंग लें। यदि विदेश में बसे रिश्तेदार‑मित्र हो तो उनसे जमीन‑जायदाद गिरवी न रखवाए, टिकट‑वीजा खुद ही बुक कराएं। संदिग्ध एजेंट या पीड़ित व्यक्ति की सूचना मिले तो तुरंत ही टोल‑फ्री 1930 पर तत्काल शिकायत करें। जुनेद / 23 अप्रेल