अंतर्राष्ट्रीय
28-Apr-2025
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वेटिकन (ईएमएस)। वेटिकन सिटी के प्रमुख और 1.3 अरब कैथोलिकों के आध्यात्मिक नेता होने के नाते, पोप को एक ऐसा दर्जा प्राप्त है जो उन्हें किसी भी देश में बिना वीज़ा यात्रा की अनुमति देता है। यह विशेष अधिकार न तो ब्रिटेन के राजा को मिला है, न ही जापान के सम्राट को। यह संभव हो सका है वेटिकन सिटी के उनके विशेष दर्जे के कारण, जो उन्हें एक संप्रभु राष्ट्राध्यक्ष और धार्मिक नेता दोनों के रूप में पहचान देता है। जब पोप किसी देश की यात्रा करते हैं, तो उन्हें उस देश का ‘स्टेट गेस्ट’ यानी राजकीय अतिथि माना जाता है। इसके तहत वीज़ा और पासपोर्ट की औपचारिकताएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं। वेटिकन और इटली के बीच 1929 में हुई लैटरन संधि ने वेटिकन को स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया, और पोप को पूर्ण राजनयिक छूट (डिप्लोमैटिक इम्युनिटी) प्राप्त हुई। वहीं, 1961 की वियना कन्वेंशन में पोप की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत विशेष मान्यता मिली। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भी वीज़ा छूट मिलती है, लेकिन उनकी स्थिति पोप जैसी प्रभावशाली नहीं मानी जाती। दुनिया में शायद ही कोई दूसरा व्यक्ति हो जिसे धार्मिक और राजनयिक दोनों ही स्तरों पर इतनी मान्यता और स्वतंत्रता प्राप्त हो। पोप की यह अनोखी स्थिति उन्हें सचमुच बिना वीज़ा वाला विश्व यात्री बना देती है। पोप अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राएं “शेफर्ड वन” नामक विमान से करते हैं। यह कोई स्थायी विमान नहीं होता, बल्कि हर बार उनके लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता है। विमान के भीतर उनके लिए प्रार्थना, विश्राम और बैठक के लिए अलग क्षेत्र होता है। सुरक्षा प्रोटोकॉल अत्यंत सख्त होते हैं और वेटिकन के साथ-साथ मेजबान देश की टीमें भी सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। सुदामा/ईएमएस 28 अप्रैल 2025