टोरंटो(ईएमएस)। कनाडा में चुनाव के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नागरिकों से मजबूत सरकार चुनने की अपील करते हुए कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की इच्छा जाहिर की थी। मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने उस समय चुनावी हवा पलटी जब ट्रंप ने कनाडा की अर्थव्यवस्था और संप्रभुता पर हमला बोलते हुए यहां तक कह दिया कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बन जाना चाहिए। ट्रंप की इन टिप्पणियों ने कनाडा में जबरदस्त राष्ट्रवादी भावनाओं को जन्म दिया, जिससे लिबरल पार्टी को लगातार चौथी बार सत्ता में लौटने में मदद मिली। इस बार कनाडा चुनाव में रिकॉर्डतोड़ मतदान हुआ है। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, रिकॉर्ड 7.3 मिलियन कनाडाई नागरिकों ने मतदान किया, जो 2021 के चुनाव की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। कनाडा में 28 अप्रैल को हुए संघीय चुनाव की मतगणना में मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी बड़ी जीत की ओर है। 343 सीटों पर लिबरल पार्टी को निर्णायक बढ़त मिल गई है। कनाडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) के अनुमान के मुताबिक, लिबरल पार्टी ने बहुमत हासिल कर लिया है। चुनाव परिणामों के बाद लिबरल पार्टी को कनाडा की संसद की 343 सीटों में से सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं, हालांकि तुरंत यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उन्हें स्पष्ट बहुमत मिलेगा या उन्हें सरकार बनाने और कानून पारित कराने के लिए छोटे दलों का सहारा लेना पड़ेगा। पूर्व लिबरल जस्टिस मिनिस्टर डेविड लैमैटी ने कहा, दिसंबर में हम पूरी तरह खत्म हो चुके थे। अब हम सरकार बनाने जा रहे हैं। यह सब मार्क के कारण संभव हुआ है। उधर, कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पॉइलीएवर इस चुनाव को पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ जनमत संग्रह बनाना चाहते थे। ट्रूडो का कार्यकाल महंगाई और आवास संकट के चलते काफी अलोकप्रिय हो गया था। लेकिन ट्रंप के हमलों, ट्रूडो के इस्तीफे और कार्नी के उदय ने खेल पूरी तरह बदल दिया। मार्क कार्नी ने चुनाव से पहले कहा था, अमेरिका हमें तोड़कर अपना बनाना चाहता है। ये महज शब्द नहीं हैं, यही असली खतरा है। कंजर्वेटिव नेता पॉइलीएवर ने मतदान करते समय मतदाताओं से अपील की, बदलाव के लिए वोट करें, लेकिन महीनों तक ट्रंप जैसी शैली में अभियान चलाने के बाद उनका ट्रंप से जुड़ाव उन्हें भारी पड़ गया। वीरेंद्र/ईएमएस/29अप्रैल2025