मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह इस शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से पहले राज्य के सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य करने के निर्देश जारी करेगी। राज्य भर के सभी स्कूल 16 जून को फिर से खुलेंगे। हालांकि, उससे पहले सभी स्कूलों में सीसीटीवी चालू होने की उम्मीद है। सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने बुधवार को हाई कोर्ट को बताया कि राज्य के सभी स्कूलों में सीसीटीवी लगाने को अनिवार्य कर दिया गया है। मामले में नियुक्त न्यायमित्र रेबेका गोंसालविस ने अदालत को बताया कि सीसीटीवी कब लगाए जाने चाहिए, इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। हालांकि, सरकारी वकील शिंदे ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को इस शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से पहले सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया जाएगा। इसका संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति डॉ. नीला गोखले की पीठ ने इस संबंध में दायर स्वप्रेरित याचिका पर सुनवाई 18 जून तक स्थगित कर दी। वहीं अदालत ने राज्य सरकार को बच्चों की देखभाल के लिए स्कूलों में मनोचिकित्सक या परामर्शदाता नियुक्त करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने इसे भी स्वीकार किया है और अदालत को आश्वासन दिया है कि इस संबंध में सभी उचित कार्रवाई की जाएगी। * क्या है मामला ? मुंबई से सटे बदलापुर के एक नामचीन स्कूल में दो मासूम बच्चियों के यौन शोषण की घटना के बाद, हाई कोर्ट ने राज्य भर के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए एक सुमोटो याचिका दायर की है। बच्चों की सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक समिति भी नियुक्त की गई। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बच्चों की सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव दिए। इसमें स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, स्कूल बसों में महिला परिचारिका रखने आदि जैसे सुझाव शामिल हैं। तदनुसार, राज्य सरकार एक सप्ताह के भीतर अपना जी.आर. जारी करेगी। न्यायमित्र रेबेका गोंसालविस ने भी बाल सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि उन्हें भी इस जी.आर. में शामिल किया जाएगा। संजय/संतोष झा- ०१ मई/२०२५/ईएमएस