नई दिल्ली (ईएमएस)। किसी अन्य से अवैध संबंध का विरोध कर रही पत्नी की हत्या के मामले में रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने पति और उसकी प्रेमिका समेत छह लोगों को उम्रकैद की सजा दी है। बताया गया कि सभी दोषियों को हत्या और हत्या के षड्यंत्र की धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ तीन दोषियों को शस्त्र अधिनियम की धारा में भी पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में मृतक शिक्षिका के पति की प्रेमिका का सौतेला पिता भी आरोपी है। लंबे समय से फरार होने के कारण उसका अलग से ट्रायल चल रहा है। शिक्षिका की सात वर्ष पहले बवाना में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष ने इस मामले को दुर्लभतम बताते हुए न्यायालय से दोषियों को मृत्यु दंड की मांग की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र राणा ने मंगलवार को शिक्षिका सुनीता की हत्या के मामले में छह दोषियों को सजा सुनाई। दो दिन पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अपने 129 पन्नों के फैसले में छह आरोपित को दोषी ठहराया था। न्यायालय ने इस चर्चित हत्याकांड में शिक्षिका के पति मंजीत सहरावत, एंजल गुप्ता, धर्मेंद्र, दीपक, विशाल उर्फ जानी और शहजाद सैफी को धारा 302 और 120-बी के तहत उम्रकैद की सजा दी। शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत धर्मेंद्र के अलावा विशाल उर्फ जानी, शहजाद सैफी को पांच-पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, धारा 302 में न्यायालय ने सभी दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने की स्थिति में एक-एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। इस मामले में कुल 41 लोगों ने गवाही दी। लोक अभियोजक डा. राजरानी ने न्यायालय के समक्ष दलील रखी कि दोषियों ने पूर्व नियोजित तरीके से हत्या की। मंजीत और दोषी एंजल गुप्ता के बीच अवैध संबंध थे, जिस पर सुनीता ने कई मौकों पर आपत्ति जताई थी। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/01/मई/2025