नई दिल्ली (ईएमएस)। पश्चिमी दिल्ली में कापसहेड़ा थाना पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए रवि की मौत के मामले ने दिल्ली के कई थानों में लॉकअप नहीं होने की समस्या को उजागर कर दिया है। ऐसे थाने जिनमें लॉकअप नहीं है, वहां गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए आरोपियों को रात के समय सुरक्षा के लिहाज से नजदीकी थाने में भेज दिया जाता है, जहां लॉकअप होता है। कापसहेड़ा के मामले में यह थाना वसंत कुंज नार्थ था। दिल्ली में केवल कापसहेड़ा ही नहीं बल्कि ऐसे कई थाने हैं, जहां लॉकअप नहीं है। आमतौर पर ये ऐसे थाने होते हैं जो या तो काफी पुराने होते हैं या फिर किराये के भवन में सीमित जगह में चल रहे हैं। सबसे बड़ा आश्चर्य तो नई दिल्ली पुलिस जिले में नजर आता है। इस जिले के सर्वाधिक महत्वपूर्ण कर्तव्य पथ, नार्थ एवेन्यू व साउथ एवेन्यू में लॉकअप नहीं है। यहां से जरूरत पड़ने पर आरोपितों को चाणक्यपुरी, तुगलक रोड या फिर कनॉट प्लेस थाना ले जाया जाता है। पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र थाना में भी लॉकअप नहीं है। उत्तर-पूर्वी जिले के जाफराबाद थाना में लॉकअप नहीं है। द्वारका जिला के बाबा हरिदास नगर व छावला थाने में लॉकअप नहीं है। हालांकि, इन दोनों थाना के बारे में पुलिस अधिकारी आधिकारिक रूप से बताते हैं कि यहां लॉकअप की सुविधा है, लेकिन जब आप जोर देकर पूछेंगे तो वे दबी जुबान में बताते हैं कि हमारे यहां स्थायी लॉकअप नहीं है। वहीं, स्थायी लॉकअप से इनका आशय मजबूत संरचना से होता है। नाम न छापने की शर्त पर ये बताते हैं कि यदि किसी जघन्य अपराध में शामिल होने का आरोप है या फिर आरोपित काफी दुर्दांत हो तो सुरक्षा की दृष्टि से उसे लाकअप वाले नजदीकी थाने भेजा जाता है। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/01/मई/2025