04-May-2025


* विपदा तो प्राकृतिक ही हैं किंतु अवरोधों के चिन्हांकन और निवारण में बिजली विभाग भी अकर्मण्य कोरबा (ईएमएस) छत्तीसगढ़ राज्य की ऊर्जाधानी के नाम से विख्यात कोरबा अंचल के निवासी इन दिनों बिजली के अभाव में पुरी तरह से हलाकान हैं। आज 3 मई शनिवार के दिन दोपहर होते-होते जबरदस्त तेज आंधी, हवा के थपेड़े, पुरी तीव्रता से शुरू हुई बारिश और बड़े-बड़े ओले गिरने से जन जीवन पुरी तरह से हलाकान हो गया हैं। विद्युत विभाग की अकर्मण्यता और अनदेखी से बड़ी वेदना की पीड़ा को अंचलवासियों ने प्रकृति की निष्ठुरता मानकर अंगीकृत भी कर लिया, किंतु समस्त साधनो के बावजूद 24-24 घंटे तक विद्युत आपूर्ति को बहाल करना तो बहुत दूर की बात, अवरोधों के स्थलों और कारणों को चिन्हित तक नहीं किया जा सका। जब अवरोध चिन्हित ही न हो पाए हो, तो निवारण कैसे संभव हो सकता हैं। अभी कोरबा शहर की पुरी आबादी घनघोर अंधकार में समाई हुई हैं और इस दौर में अंधड़, पानी के पुनः आशंकित हमले के कारण चिंता और बढ़ गयी हैं। बिजली बंद हैं, क्यों बंद हैं और पुनः कब तक बहाल होगी ? इस बात की भी जानकारी नहीं मिल रही हैं। क्योंकि जिम्मेदारों के फोन ही नहीं उठ रहे हैं, जनजीवन को पुरी तरह से आतंकित और विहल करने वाले इस संकट के लिये वैसे तो पुरी तरह से प्राकृतिक विपदा ही जिम्मेदार हैं, किंतु अवरोध चिन्हित कर उनका निवारण नहीं किये जाने की वजह से विद्युत कंपनी के विरुद्ध भी जन आक्रोश कम नहीं हैं। लगभग 10 घंटे से बिजली की अद्रिश्यता चिन्हित कर निवारण में पुरी तरह से विफल विद्युत आपूर्ति कंपनी को इस वेदना के लिये जिम्मेदार माना जा रहा हैं। चौकाने वाली बात यह हैं की विद्युत आपूर्ति कब बहाल होंगी, यह बताने वाला भी कोई नहीं हैं। 03 मई / मित्तल