*शशि भूषण दूबे कंचनीय/रोमेश रंजन रोशन* मीरजापुर, (ईएमएस)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति ने सभापति इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में मीरजापुर के सिटी क्लब में आपदा प्रबंधन, बचाव व राहत पर कार्यशाला आयोजित की। समिति सदस्य अंगद कुमार सिंह और पदमसेन चौधरी ने भी इसमें हिस्सा लिया। कार्यशाला में आपदा मित्रों, ग्राम प्रधानों, पंचायत सहायकों, एनआरएलएम समूह की महिलाओं सहित जन समुदाय को बाढ़, वज्रपात जैसी आपदाओं से बचाव की जानकारी दी गई। सभापति ने दामिनी और सचेत एप डाउनलोड करने पर जोर दिया, जो वज्रपात की पूर्व सूचना देकर जानमाल की रक्षा करते हैं। एनडीआरएफ कमांडेंट ने भी बचाव तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया।जिला पंचायत सभागार में मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही के अधिकारियों के साथ मंडलीय समीक्षा बैठक हुई। जिलाधिकारियों प्रियंका निरंजन (मिर्जापुर), बी.एन. सिंह (सोनभद्र) और शैलेश कुमार (भदोही) ने आपदा प्रबंधन और राहत वितरण की प्रगति साझा की। सभापति ने आपदा प्रभावितों के प्रति संवेदनशीलता, पारदर्शी राहत वितरण और कार्ययोजना के साथ जन-धन हानि न्यूनीकरण पर बल दिया। उन्होंने सर्ददंश और सर्पदंश से मृत्यु रोकने के लिए विशेष कदम, एंटी-स्नेक वेनम की उपलब्धता, पोस्टमार्टम के बाद त्वरित मुआवजा और जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। सभापति ने ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता गोष्ठियां, स्कूलों में छात्रों को आपदा प्रबंधन की जानकारी, सार्वजनिक स्थलों पर वॉल पेंटिंग, डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए चेतावनी बोर्ड और कंट्रोल रूम स्थापित करने का सुझाव दिया। बाढ़, ओलावृष्टि, अग्निकांड से क्षतिग्रस्त संपत्ति और फसलों के सर्वे के साथ मुआवजा वितरण में पारदर्शिता पर जोर दिया। विन्ध्याचल रोपवे की नियमित मरम्मत हर छह माह में सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया।कार्यशाला में आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, महिला कल्याण और एनडीआरएफ ने प्रदर्शनी स्टॉल लगाए। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मीरजापुर सोमेन बर्मा, पुलिस अधीक्षक भदोही सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। ईएमएस / 05/05/2025